संझौली, रोहतास [प्रमोद टैगोर]। पहले जारी होता था सासू जी का फरमान-बहू, घर से बाहर मत निकलना, खानदान की नाक कट जाएगी। पर, अब ऐसी बात नहीं। बदलते परिवेश के साथ जमाना काफी बदला है। सासूजी खेत की मेड़ पर बच्चों की देखभाल कर रही हैं और बहुरिया खेती का काम। रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के मथुरापुर गांव में महिलाएं पूरी तरह आत्मनिर्भर बन गयीं हैं। इनके हाथों की खुरपी, कुदाल, टोकरी ने...
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बस्तर में पुलिस का राज चल रहा
जगदलपुर. माओवादियों ने मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर, संदीप पांडे जैसे ख्यातिनाम गांधीवादियों पर दंतेवाड़ा में अंडे, कीचड़, टमाटर फेंक विरोध जताने को पुलिस प्रशासन और कांग्रेस-भाजपा द्वारा प्रायोजित बताते हुए इसकी निंदा करने को कहा है। भाकपा माओवादी दरभा डिविजनल कमेटी के सचिव गणोश उईके ने समाचार पत्रों को जारी बयान में कहा है कि दंतेवाड़ा-बीजापुर को अर्धसैनिक बलों की छावनी बना दिया गया है। अपने बयान में कमेटी के सचिव ने कहा बस्तर में...
More »हौसले के हथौड़े से टूटे पहाड़
कोडरमा। झरखी-विशनपुर गांव के लोगों ने हौसले के हथौड़े से पहाड़ों का सीना चाक कर अपना रास्ता बना लिया। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने जब फरियाद नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने स्वयं सड़क बनाने का बीड़ा उठाया और उनके अदम्य साहस के आगे जंगल-पहाड़ सभी नतमस्तक हो गए। दुर्गम पहाड़ों-जंगलों के बीच से झरखी से जरगा तक करीब सात किलोमीटर लंबी सड़क का 70 प्रतिशत काम चार महीनों में पूरा कर लिया है। करीब पांच किमी...
More »इन सुदामाओं के कृष्ण कहां
इलाहाबाद । परंपरा और संस्कृति का चंदन माथे पर लगाए प्रदेश के न जाने कितने लोक कलाकार सुदामा बनने के कगार पर पहुंच गये हैं। गांव में बसे होने के कारण इन सुदामाओं पर अभी सरकार की नजर नहीं पड़ी है। जिस कारण कई लोक कलाएं लुप्त होने की स्थित में हैं। देश में फिल्मों को प्रोत्साहन देने वाली नौटंकी कला का भी कुछ यही हाल है। पवारा और करिंगा जैसी कलाएं एक पीढ़ी के...
More »डेढ़ लाख बेघर, इंतजाम सिर्फ 4800 का
आशुतोष झा, नई दिल्ली सरकारी गिनती के अनुसार दिल्ली में डेढ़ लाख ऐसे लोग हैं, जिनके पास सिर छिपाने के लिए कोई छत नहीं है। पर सरकारी तंत्र की ओर से इस कड़ाके की ठंड में सिर्फ चार हजार आठ सौ लोगों के लिए रैन बसेरों में इंतजाम है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सभी बेघरों को तत्काल बसेरा देने का आदेश दिया है। पर जो सरकार सालों में बेघरों के लिए छत न जुटा सकी...
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