बांदा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष व बसपा राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बुंदेलखंड में सूखा नहीं अकाल पड़ा है। यहां का किसान घास की रोटी खाने को मजबूर है और केंद्र व प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ पर रखे बैठी है। सरकार की इस उदासीनता की बसपा निंदा करती है। अगले माह सत्र शुरू होने पर सदन में किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे। अलीगंज स्थित अपने आवास में सोमवार...
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यूपी : फसल बीमा वाले किसानों की तादाद राष्ट्रीय औसत से पांच गुना कम
सूखे की मार से बुंदेलखंड(यूपी) के बारे में आ रही भुखमरी की खबरों के बीच एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के तकरीबन सवा दो करोड़ किसानों में केवल 8 लाख किसानों ही फसल का बीमा करवा सके हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट(सीएसई) की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में फसल बीमा वाले किसानों की संख्या राष्ट्रीय औसत से तकरीबन सवा पांच गुना कम है. देश में 20 प्रतिशत...
More »देश के 42 फीसदी हिस्से पर पड़ सकती है सूखे की मार
देश में इस बार मानसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 11 फीसदी कम हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार देश के कई इलाकों में सूखे की स्थिति है. अगस्त महीना खत्म होने जा रहा है और उत्तर भारत समेत दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्सों में मानसून की बारिश में कमी चिंताजनक स्तर पर है. बारिश की कमी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि...
More »किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
More »बिहार में अतिवृष्टि को केंद्र ने माना राष्ट्रीय आपदा: श्रीनिवास
फसल नुकसान का जायजा लेने बिहार आई दस सदस्यीय केंद्रीय टीम के नेतृत्वकर्ता कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव केएस श्रीनिवास ने कहा है कि चक्रवाती तूफान, ओलावृष्टि, बाढ़, भूकंप आदि राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में आते हैं। अतिवृष्टि राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में नहीं आती है। लेकिन, केंद्र सरकार ने इस वर्ष से अतिवृष्टि व अन्य स्थानीय आपदाओं को राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में माना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें...
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