SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 64

व्यापम : द ग्रेट भर्ती घोटाला,55 केस, 2530 आरोपित, 1980 गिरफ्तार

स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से मध्य प्रदेश एक पिछड़ा राज्य है. वहां प्रति 18,650 लोगों पर मात्र एक डॉक्टर उपलब्ध है. इस कमी को पूरा करने के लिए राज्य में कई वर्षो तक सैकड़ों अयोग्य और अक्षम लोग पैसे और पैरवी के सहारे डॉक्टर की डिग्री हासिल करते रहे. बाद में राज्य की अन्य नौकरियों में भी घूस, हेराफेरी और अनियमितताएं बरती जाने लगीं. 2013 से इस घोटाले की परतें...

More »

सौ फीसदी कट-ऑफ मार्क्‍स! हद है... - प्रेमपाल शर्मा

पिछले कुछ वर्षों से पूरा देश सुन रहा है दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की ऊंची कट-ऑफ के बारे में। हर वर्ष ऊंची होती कट-ऑफ अब शत प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। पहले एक-दो कॉलेज में कट-ऑफ 100 के करीब रहती थी, अब कई कॉलेजों में हो गई है। मान भी लें अच्छी बात है - बच्चे मेहनती, मेधावी हैं तो नंबर भी अच्छे लाएंगे, लेकिन दाखिले के...

More »

नयी इबारत लिखेगा कृषि अनुसंधान संस्थान

बरही/हजारीबाग : गौरिया करमा कृषि अनुसंधान संस्थान आइसीएआर की महत्वपूर्ण इकाई है. बरही के गौरिया करमा में 1000 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान बनेगा. यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आता है, जो देश में कृषि अनुसंधान, शिक्षा तथा प्रसार को गति देनेवाली भारत सरकार की शीर्ष स्वायत्तशासी संस्था है. देश में 100 से अधिक शोध संस्थान, 71 कृषि विश्वविद्यालय तथा 642 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत...

More »

सरकारी ढर्रे को बदलने का सवाल - नंटू बनर्जी

आगामी 25 दिसंबर को मोदी सरकार ने 'सुशासन दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। सुशासन या गुड गवर्नेंस लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुनियादी एजेंडे में शामिल रहा है। पर सवाल उठता है कि प्रशासनिक ढांचे व सुशासन के आपसी रिश्तों से हम क्या समझें। कारोबारी समूहों में ऐसा होता है कि गिने-चुने लोगों का प्रबंधन चंद लोगों के कार्यसमूह के साथ भी अपनी सुदक्षता...

More »

बढ़ते संसाधन घटता ज्ञान - शंकर शरण

जनसत्ता 11 नवंबर, 2014: एक समय था जब देश के जिला केंद्र ही नहीं, अनेक कस्बों में भी भाषा, गणित और विज्ञान के ऐसे शिक्षक होते थे जिनकी स्थानीय ख्याति हुआ करती थी। यह दो पीढ़ी पहले तक की बात है। तब विद्यालयों के पास संसाधन कम थे और शिक्षकों का वेतन भी बहुत कम था। स्कूल के कमरे, मामूली कुर्सी, बेंच, पुस्तक, छात्र और शिक्षक, यही तत्त्व शिक्षा-परिदृश्य बनाते...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close