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उत्तराखंड सरकार ने पनबिजली परियोजनाओं द्वारा कम पानी छोड़ने की वकालत की थी

-द वायर, उत्तराखंड के चमोली जिले में बर्फ फिसलने से अचानक आई भीषण बाढ़ और इसके चलते व्यापक स्तर पर हुए नुकसान ने साल 2013 के केदारनाथ आपदा के घावों को हरा कर दिया है. केंद्र एवं राज्य सरकार के ऊपर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने पिछली आपदाओं से सबक नहीं लिया और बेहद संवेदनशील हिमालयी क्षेत्रों में बेतरतीब ‘तथाकथित’ विकास कार्य जारी है, जिसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना...

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‘रन ऑफ दि रिवर’ जैसी फर्जी तकनीकों से लोगों को बेवकूफ बनाया जा सकता है, हिमालय को नहीं

-द प्रिंट, ‘रन ऑफ दि रिवर’ क्या होता है उससे पहले ये समझ लीजिए कि वास्तव में चमोली में हुआ क्या है? गंगा किसी एक धारा का नाम नहीं है, हिमालय की कई जलधाराएं मिलकर गंगा नदी को बनाती है. इसी तरह की एक छोटी सी धारा का नाम है ऋषिगंगा. थोड़े ऊपर की ओर मौजूद ग्लेशियर से यह धारा निकलती है. इस ग्लेशियर को नंदादेवी ग्लेशियर भी कहते हैं क्योंकि...

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खराब नेटवर्क और कमजोर इंटरनेट ने उत्तराखंड में खोली ऑनलाइन पढ़ाई की कलई

-न्यूजलॉन्ड्री,  हर्षित उत्तराखंड के गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय से बीएससी कर रहे है. कोरोना के कारण विश्व विद्यालय शुरुआत में 31 मार्च तक के लिए बंद हुआ. इस कारण कुछ दिनों की छुट्टियों के लिए वो चमोली जिले में स्थित अपने घर चले गये. कोरोना का संकट बढ़ा तो विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी. लेकिन हर्षित पढ़ नही पा रहा, क्योंकि गांव में नेटवर्क ही नही आता. एक दोस्त से...

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कोरोना वायरस: उत्तराखंड के भुतहा गांवों में भी लौटे प्रवासी

-न्यूजलॉन्ड्री, पिछले कई सालों से खाली पड़े उत्तराखंड के कई गांवों में अब लोग लौटने लगे हैं. अब तक इन भुतहा हो चुके गांवों में 564 लोगों के वापस लौट आने की ख़बर है. ये वे लोग हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने विभिन्न साधनों से उनके गांवों तक पहुंचाया है. अन्य साधनों से अपने इन भुतहा गांवों में पहुंच चुके लोगों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. उत्तराखंड ग्रामीण विकास...

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गंगा पर नया संकट, किसके पाले में सरकार

गंगा के पर्यावरणीय प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए बनी गाइडलाइन के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पर्यावरणीय प्रवाह के नियम बांधों और बैराजों पर लागू होते हैं। नियमों के अनुसार, बांधों और बैराजों को गंगा की प्राकृतिक सफाई और जैव विविधता के लिए निर्धारित मात्रा में पानी छोड़ना होगा। पर्यावरणीय प्रवाह के नियम सितंबर 2018 में गंगा की सफाई और पुनरोद्धार के लिए उत्तरदायी निकाय नेशनल...

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