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तमाम संकेतकों में गिरावट, उम्मीद से कम वृद्धि दर- कोविड की इस लहर ने अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया

-द प्रिंट, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डालने जा रही है. अधिकतर जानकारों की भविष्यवाणी यह है कि पिछले साल की पहली तिमाही में जब पूर्ण लॉकडाउन किया गया था तब उत्पादन में जो गिरावट हुई थी उसके मुकाबले इस साल कम गिरावट होगी. अर्थव्यवस्था की हालत पिछले साल के मुकाबले इस साल बेहतर रहेगी लेकिन महामारी की दूसरी लहर के कारण यह महामारी के पहले...

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उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में बहती मिली लाशें, कोरोना से मौत की आशंका, लोग करने लगे जल प्रवाह!

-सबरंग इंडिया, रोजाना 4 लाख से ज्यादा का आंकड़ा देश को डरा रहा है वहीं, उत्तर प्रदेश में शहर से गांव तक कोरोना का कोहराम मचा है। रोजाना सैकड़ों मौतों के कारण श्मशान घाट और क्रबिस्तान में लोगों को दाह संस्कार के लिए जगह नहीं मिल रही है। घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। लेकिन दिल दहलाने वाली खबरें हमीरपुर व कानपुर जिलों से आ रही हैं। यहां यमुना नदी में...

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टिड्डियों के हमलों के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले दो भाइयों ने बताया कैसे किया था सफाया

-गांव कनेक्शन, पिछले साल जब कई राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों में टिड्डियों ने तबाही मचायी थी। किसान से लेकर केंद्र सरकार तक सबके सामने चुनौती थी कि टिड्डियों से कैसे फसल बचाई जाए और कैसे इनकी बढ़ती संख्या को रोका जाए। हेलिकॉप्टर से लेकर ड्रोन तक की मदद भी ली गई थी। गुजरात में राजधानी गांधीनगर से लगभग 100 किमी दूर मेहसाणा जिले के दो भाइयों के मुताबिक उन्होंने टिड्डियों...

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लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक

-न्यूजक्लिक, जब कभी भी लोकतंत्र का अपने घर में घेराव होता है, लोकतंत्र के हिमायती, उससे प्रेम करने वाले लोग नैतिक समर्थन पाने के लिए अपनी परिधि के पार देखने लगते हैं। अभी-अभी विश्व सूचकांक में स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट जारी हुई है, और इसलिए कोई हैरत नहीं कि इसने भारत में लोकतंत्र को चाहने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह विश्व सूचकांक अमेरिका की 80...

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राष्ट्र एक व्यक्ति में बदल जाए, उससे पहले एक आंदोलन क्या राजनीतिक विपक्ष बन पाएगा?

-जनपथ, सरकार अगर अचानक से घोषणा कर दे कि परिस्थितियां अनुकूल होने तक अथवा किन्हीं अन्य कारणों से विवादास्पद कृषि क़ानूनों को वापस लिया जा रहा है और कृषि क्षेत्र के सम्बन्ध में सारी व्यवस्थाएं पहले की तरह ही जारी रहेंगी, तो आंदोलनकारी किसान और उनके संगठन आगे क्या करेंगे? महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर जमे हज़ारों किसान और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाक़ों में महापंचायतें आयोजित कर रहे आंदोलनकारी जाट...

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