पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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वर्ष 2022 में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में 8.8 फीसदी की कमी आई: रिपोर्ट
द वायर, 2 मार्च वर्ष 2022 में, देश भर में कुल 5,65,000 नए ग्राहक नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल हुए. 2021 में यह आंकड़ा 6,19,835 था. बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, 2021 की तुलना में 2022 के आंकड़ों में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है. यह देखते हुए कि एनपीएस अब सभी केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए अनिवार्य है और अधिकांश राज्यों में सरकारी नौकरियों के लिए भी अनिवार्य है, विश्लेषकों का...
More »पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 30% की गिरावट, लेकिन ये आंकड़े कितने विश्वसनीय?
इंडियास्पेंड, 13 दिसंबर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 5 दिसंबर 2022 को बताया कि इस पिछले साल की तुलना में इस मौसम में (15 सितंबर से 30 नवंबर तक) पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 30% जबकि हरियाणा में 48% की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अकेले सैटेलाइट (उपग्रह) के आंकड़ों के आधार पर इस गिरावट को पूरी तरह से सही...
More »पाताल के पानी का भरपूर दोहन कर रहे हैं हरियाणा, पंजाब और राजस्थान
भारत में बारिश के साथ आने वाली खरीफ की सीजन खत्म हो गई है। सर्द हवाओं ने रबी की सीजन का इस्तक़बाल कर दिया है। किसानों ने मोटर–पंपों के माध्यम से पानी को पाताल से खींचना शुरू कर दिया है। नलकूपों में चल रही मशीनों के लिए बिजली सरकार ने भेजी है। यानी राजा और प्रजा दोनों की इच्छा है कि पाताल से पानी खींच कर खेतों में छोड़ा जाए। इसी...
More »कृषि में डिजिटलाइजेशन पर किसान संगठनों के पदाधिकारियों का मंथन, कहा डाटा का इस्तेमाल किसान हित में हो
रूरल वॉयस, 23 नवम्बर कृषि में डिजिटलाइजेशन के विषय पर 21 और 22 नवंबर को दिल्ली में देश के अनेक किसान संगठनों ने सामूहिक चर्चा की। चर्चा में सभी किसान संगठनों ने कृषि में डिजिटलीकरण के बारे में गंभीर चर्चा की और उसके विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय व्यक्त की। कई संगठनों के पदाधिकारियों का मत था कि जब तक डाटा की सुरक्षा का कानूनी ढांचा तैयार नहीं होता तब तक...
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