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जयंती पर विशेष: वर्तमान में नहीं रही प्रेमचंद युग की पत्रकारिता

जनचौक, 31 जुलाई वाराणसी। प्रेमचंद जी कहते हैं कि समाज में ज़िन्दा रहने में जितनी कठिनाइयों का सामना लोग करेंगे उतना ही वहां गुनाह होगा। अगर समाज में लोग खुशहाल होंगे तो समाज में अच्छाई ज़्यादा होगी और समाज में गुनाह नहीं के बराबर होगा। प्रेमचन्द ने शोषित वर्ग के लोगों को उठाने का हर संभव प्रयास किया। उन्होंने आवाज़ लगाई ‘ए लोगों जब तुम्हें संसार में रहना है तो जिन्दों...

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महामारी के समय में बजट और राजनीति

-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर दिया गया जोर "बाजार के अनुकूल सुधारों" की ओर राजनीतिक आख्यान में बदलाव का सिलसिला मात्र है जो 2019 में मोदी सरकार के फिर से चुने जाने के साथ शुरू...

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बजट 2022-23: क्या सार्वजनिक निवेश पर आधारित विकास रणनीति वांछनीय और विश्वसनीय है?

-आइडियाज फॉर इंडिया, सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने की इच्छा रखते हुए वर्ष 2022-23 के बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। इस संदर्भ में, आर. नागराज भारत के वर्तमान नीति अभिविन्यास और उद्योग एवं बुनियादी अवसरंचना में हाल में किये गए निवेश के परिणामों की जांच करते हैं। वे तर्क देते हैं कि उद्योग पर...

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कम से कम 80 फ़ीसदी ज़िलों में मनरेगा लोकपाल नहीं नियुक्त करने पर राज्य नहीं पाएंगे राशि

-द वायर, अगले वित्तीय वर्ष से केंद्र सरकार महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत उन राज्यों को राशि आवंटित नहीं करेगी, जो कम से कम 80 फीसदी जिलों में मनरेगा लोकपाल नियुक्त नहीं कर सके हैं. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. ग्रामीण विकास सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने कहा, ‘आदर्श रूप में राज्यों को मनरेगा के तहत अपने सभी जिलों में लोकपाल नियुक्त करना चाहिए....

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कोविड-19 और दीर्घकालिक गरीबी: ग्रामीण राजस्थान से साक्ष्य

-आइडियाज फॉर इंडिया, प्रारंभिक गणना के आधार पर, भारत में कोविड-19 के कारण 7.7 से 22 करोड़ लोग गरीबी में आ गए हैं, जिसके अनुसार अब शहरी आबादी में गरीब 60% और ग्रामीण आबादी में 70% हो गए हैं। वर्ष 2002 में ग्रामीण राजस्थान में किए गए सर्वेक्षण के 2021 में किये गए फॉलोअप के आधार पर, यह लेख दर्शाता है कि परिवारों को मार्च 2020-अगस्त 2021 के दौरान अपनी नकद आय का...

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