आम आबादी की तुलना में दिव्यांग व्यक्तियों को शिक्षा के अवसर कम हासिल हैं. इस बात के संकेत 2011 की जनगणना के आंकड़ों से मिलते हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक भारत में समझ के साथ लिख और पढ़ पा सकने वाले दिव्यांग लोगों की तादाद केवल 54.7 फीसद है. (इससे सबंधित सारणी के लिए यहां क्लिक करें). 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में दिव्यांग लोगों की तादाद 2.68 करोड़ है. इनमें 1.22...
More »SEARCH RESULT
ये हैं देश की सूरत बदलने वाली मोदी सरकार की बड़ी योजनाएं
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 मई 2014 सत्ता संभालने के साथ ही केंद्र सरकार ने आम भारतीयों की जिंदगी में सुधार के लिए अनेकों फैसले किए। केंद्र सरकार अपनी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए जहां सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। वहीं पार्टी की तरफ से सरकार की कामयाबी को बताने के लिए देशभर में 200 कार्यक्रमों को आयोजित करने का फैसला किया है।...
More »देश के बुजुर्ग: घटती सरकारी सहायता और बढ़ती आबादी
बात चाहे जितनी हैरतअंगेज लगे लेकिन तथ्य यही है कि देश में एक तरफ बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी तरफ उनकी मदद के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयासों में कमी आई है. बुजुर्गों की हालत पर हाल में जारी एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में साठ साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी 2001 के 7.4 फीसद से बढ़कर 2011 में 8.6 फीसद हो गई है...
More »कितने बदल रहे हैं हमारे गांव-- आर विक्रम सिंह
समस्याएं चिह्नित करना एक बात है, समाधान के रास्ते खोजना दूसरी बात। हमारे गांवों में अशिक्षा है, बेरोजगारी है, बीमारियां हैं, जमीनों के विवाद, मुकदमे हैं। जात-पांत की सामाजिक समस्याएं बरकरार हैं। हां, शोषण का वह रंग अब नहीं है, जो प्रेमचंद के उपन्यासों में मुखर होता है। कथित उच्च वर्ग में श्रम से अरुचि, दलित वर्ग में शिक्षा से अरुचि भी वहीं की वहीं है। नगरों की ओर पलायन...
More »चौधराहट के जुगाड़ में बदलते लोग--- विजय विद्रोही
हरियाणा में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इस उम्मीद में उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय की गई है कि इससे पढे़-लिखे लोग ही चुनाव में उतरेंगे और जन-प्रतिनिधि बनेंगे। इस नियम ने सरपंची की चाह रखने वाले कई लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। हर जगह तरह-तरह से इसके तोड़ निकाले जा रहे हैं। इसके चलते समाज में ऐसे बदलाव होते भी दिख रहे हैं,...
More »