साल 1820 में झारखंड के ‘हो' आदिवासी समुदाय और अंग्रेजों के बीच चाईबासा के निकट रोरो नदी के किनारे पहली लड़ाई हुई थी. उसके पहले न ही अंग्रेजों का और न ही मुख्यधारा के समाज का ‘हो' आदिवासियों से शासकीय संबंध था. तब के अंग्रेज अधिकारी मेजर रफसेज ने कूटनीतिक हितों को देखते हुए कोल्हान के हो आदिवासियों को कंपनी शासन के अधीन रखने की योजना बनायी. अंग्रेजों द्वारा हो...
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प्राथमिकता नहीं है पर्यावरण-- ज्ञानेन्द्र रावत
पर्यावरण क्षरण का प्रश्न आज समूचे विश्व के लिए गंभीर चिंता का विषय है. कई रिपोर्टों, वैज्ञानिक अध्ययनों और शोधों ने रेखांकित किया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उपजे खराब मौसम से प्रलयंकारी घटनाएं बढ़ेंगी. तेजी से बढ़ते तापमान के चलते गर्मी में लोगों की मौत का सिलसिला बढ़ेगा. ग्लेशियरों का पिघलना तेज होगा, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ेगा. ऐसे में बाढ़ की विभीषिका का सामना करना आसान नहीं...
More »ताकि वे अपनी पसंद से खरीदें अनाज- कार्तिक मुरलीधरन
सस्ते दामों पर राशन का सार्वजनिक वितरण (पीडीएस) भारत की प्रमुख खाद्य सुरक्षा योजना है, लेकिन यह कई जानी-पहचानी समस्याओं से घिरी है। सरकारी एजेंसियों का ही आकलन है कि पीडीएस पर सरकारी खर्च का एक बड़ा हिस्सा उचित लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता। इसके चलते, एक विकल्प सामने आया कि क्यों न इस सब्सिडी युक्त अनाज की जगह लाभार्थियों को (खाद्य पदार्थों पर खर्च करने के लिए) सीधा पैसे भेजे...
More »बदल रही है परहिया समुदाय की जिंदगी
लातेहार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर औरंगा नदी के किनारे स्थित है उचुवाबाल. यह मनिका प्रखंड की रॉकी कलां पंचायत के लंका गांव का टोला है. इस टोले में परहिया समुदाय के 80 परिवार हैं. उनकी जीविका का एकमात्र जरिया हैं जंगल की उपज. इन वनोत्पादों को एकत्र करना और उन्हें बाजार में बेचना यही उनके आर्थिक जीवन का आधार है. इसके अलावा उच्च जाति के लोगाों के...
More »अलोकतांत्रिक भारत और आरक्षण--- केसी त्यागी
गत सप्ताह एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध करते सवर्णों द्वारा ‘भारत बंद' का आह्वान किया गया था. इस मुद्दे पर भी बयानबाजी के जरिये अगड़ी-पिछड़ी जातियों को बांटने की राजनीतिक पहल हुई. यह पहली घटना नहीं है. पिछड़ों को प्राप्त आरक्षण समाप्त करने, अगड़ों के साथ पक्षपात करने जैसे भ्रामक दुष्प्रचार बतौर हथकंडे समय-समय इस्तेमाल होते रहे हैं. समझना होगा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15-4 के तहत...
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