दो मुहिम। मकसद एक। जनमानस को उद्वेलित करने वाला पहला आंदोलन गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ चला। शांति और सादगी से ओतप्रोत इस आंदोलन में भ्रष्टाचार के खिलाफ मौन जनाक्रोश हर जगह दिखा। शासन को भी इस गंभीरता का शीघ्र ही अहसास हो चला। परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जरूरी तरकीबों को ढूंढने का चरणबद्ध सिलसिला शुरू हुआ। भ्रष्टाचार के खिलाफ ही दूसरे आंदोलन का...
More »SEARCH RESULT
आत्मसम्मान का मजबूत होता जज्बा-- योगेन्द्र यादव
-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
More »माताप्रसाद की सादगी नेताओं के लिए आईना
जौनपुर [योगेश श्रीवास्तव]। आज के दौर में जहां, एक बार विधायक या मंत्री बनते ही नेतागण गाड़ी-बंगले के साथ ही लाखों-करोड़ों में खेलने लगते हैं, वहीं पाच बार विधायक, 12 साल तक एमएलसी, मंत्री और साढ़े पाच साल तक राज्यपाल रहे माता प्रसाद को कंधे पर झोला लटकाए पैदल चलते तो कभी रिक्शे पर बैठे बाजार से खरीदे सामान को संभालते आते-जाते देख सकते हैं। मास्टर साहब' से महामहिम'...
More »