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क्रांति के विचार में जरूरी क्रांति-- योगेन्द्र यादव

कोई भी व्यक्ति बगैर झूठा बने एक श्रद्धांजलि का लेखन कैसे कर सकता है? बीते सात नवंबर को रूसी क्रांति की शताब्दी मनाते हुए इस प्रश्न ने मुझे परेशान-सा कर दिया. कठिनाई यह नहीं है कि इस क्रांति का पुत्र यानी सोवियत संघ 70 वर्षों का होकर मृत हो गया. कोई भी अमर नहीं होता. समस्या यह भी नहीं कि समाजवादी प्रयोग अंततः विफल रहा. सफलता से सभी चीजों की...

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धमतरी में कर्ज से परेशान एक और किसान ने की खुदकुशी

धमतरी/रायपुर। धमतरी में कर्ज से दबे एक और किसान चंद्रहास साहू ने सोमवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का दावा है कि उस पर एक लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज था, जिससे परेशान होकर खुदकुशी की है। प्रदेश में अकेले जून महीने में अब तक नौ किसान जान दे चुके हैं। छत्तीसगढ़ किसान-मजदूर महासंघ के मुताबिक यह संख्या 10 जा पहुंची है।   इधर रायपुर पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय...

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जहां ‘मिस्टर’ से ‘महात्मा’ बने गांधी

जिस समय मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद, नस्लभेद और उपनिवेशवादी शोषण के विरुद्ध सामाजिक आंदोलन चला रहे थे, उसी समयावधि में भारत में एक समाज सुधारक अपना सर्वस्व त्याग कर विदेशी शिक्षा, अस्पृश्यता, असमानता, जातिवाद, अशिक्षा, राजनीतिक पराधीनता, अंधविश्वास, पाखंड आदि के विरुद्ध सामाजिक क्रांति कर रहा था। उनका नाम था- महात्मा मुंशीराम (संन्यास नाम स्वामी श्रद्धानन्द), जो हरिद्वार के निकट कांगड़ी नामक गांव में 1902 में गंगा...

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अवैध रेत खनन का विरोध कर रहे किसानों को ट्रक ने कुचला, 20 की मौत

तिरुपति। यहां से 20 किलोमीटर दूर यरपेडु गांव में पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ भयानक हादसा हो गया है। उन्हें तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई और 15 से अधिक किसान घायल हैं। तिरुपति अर्बन की एसपी विजयलक्ष्मी ने कहा कि मुंनगापालम गांव के करीब 100 किसान और ग्रामीण अवैध रेत खनन के खिलाफ धरना दे रहे थे।...

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स्मृति शेष : प्रकृति के पहरेदार का जाना

जाने-माने गांधीवादी और पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र अब हमारे बीच नहीं रहे. पर्यावरण के लिए वे तब से काम कर रहे हैं, जब देश में पर्यावरण का काेई विभाग नहीं खुला था. बगैर बजट के उन्होंने देश-दुनिया के पर्यावरण की जिस बारीकी से खोज-खबर ली, वह करोड़ों रुपये बजट वाले विभागों और परियोजनाओं के लिए संभव नहीं हो पाया है. वर्ष 1948 में वर्धा में जन्मे अनुपम प्रख्यात साहित्यकार भवानी...

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