-द वायर, उत्तर प्रदेश में चुनावी राजनीति के बीच युवा बेरोजगारी को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस महीने की शुरुआत में इलाहाबाद में युवाओं ने बेरोजगारी के खिलाफ सड़कों पर ताली-थाली के साथ ऐसी ही एक आवाज़ उठाई थी. 4 जनवरी की रात अचानक शहर के सलोरी क्षेत्र में हजारों युवाओं का हुजूम निकल पड़ा. मुद्दा था रोजगार और नौकरियां. प्रदर्शनकारी युवाओं का मानना है कि सरकार शायद गहरी नींद में...
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किसानों से बाजरा खरीदने के महीने भर बाद ‘खराब’ बता वापस कर रही मध्य प्रदेश सरकार
- न्यूजलॉन्ड्री, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में विजयपुर ब्लॉक के आरौदा गांव निवासी 52 वर्षीय लक्ष्मीनारायण शर्मा 15 बीघा के किसान हैं. उन्होंने 21-22 दिसंबर 2021 को सरकार को 19 क्विंटल बाजरा बेचा था. यह खरीद सरकारी दर यानी 2,250 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर हुई थी. शर्मा इंतजार कर रहे थे कि हमेशा की तरह ही सरकार, उनकी फसल की कीमत खरीद के चार से पांच दिन बाद...
More »सुपर फूड बनते मोटे अनाजों को थाली और खेत में वापस लाने की जरूरत
-गांव कनेक्शन, भारत दुनिया का सबसे बड़ा मिलेट (मोटे अनाज) उत्पादक देश है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, झारखण्ड, तमिलनाडु, और तेलगांना आदि प्रमुख मोटे अनाज उत्पादक राज्य हैं। जबकि आसाम और बिहार में सबसे ज्यादा मोटे अनाजों की खपत होती है। देश में पैदा की जाने वाली मुख्य मिलेट फसलों में ज्वार, बाजरा और रागी का स्थान आता है। छोटी मिलेट फसलों में...
More »बुंदेलखंड में कुपोषण की समस्या पर नीति निर्माताओं को जरूर ध्यान देना चाहिए!
हाल की मीडिया रिपोर्ट्स यह बताती हैं कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को लगभग रु. 6,300 करोड़ की परियोजनाओं की घोषणाएं की गई हैं, जिनमें झांसी में टैंक रोधी मिसाइलों के प्रणोदन प्रणाली के लिए 400 करोड़ रुपये का संयंत्र भी शामिल है. 18 नवंबर, 2021 को झांसी नोड (उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे से संबंधित) में पहली परियोजना के लिए नींव...
More »पंचतत्वः तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं!
-जनपथ, पिछला कैलेंडर साल खत्म होने वाला था कि कई लोगों ने नववर्ष की शुभकामनाएं देते वक्त इसको ‘आंग्ल नववर्ष’ करार दिया, नया साल ‘अपना नहीं है’ का जिक्र किया। मैंने जब इस बाबत पोस्ट किया कि भाई हर यूरोपियन चीज ‘आंग्ल’ नहीं होती तो कइयों को ‘मिर्ची’ लगी। मुझसे बहस के लिए उतरे लोगों में एक ‘खैनीखोर’ भाई भी थे, जिनको ‘झालदार’ चीजें बहुत पसंद थीं और घर में उन्होंने...
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