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कोविड-19 के समय में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली हल्दी 2021 में क्यों होने वाली है महंगी

-द प्रिंट, महामारी के वर्ष में हल्दी की खपत बढ़ गई क्योंकि देश भर के लोगों ने इसे कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए रामबाण माना. केंद्र सरकार ने हल्के या बिना लक्षण वाले रोगियों में कोविड रोकथाम और उपचार के लिए हल्दी वाले दूध, काढ़ा और योग जैसे आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने की सलाह दी. और, 2019-20 से 2020-21 में कच्ची हल्दी की घरेलू मांग में 300 फीसदी का उछाल देखा गया. खपत में इस...

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कोरोना वैक्सीनः कैसे और कितनी तेज़ी से मिल रहा है टीका

-बीबीसी, कोविड-19 के वैक्सीनेशन को लेकर ज़्यादातर लोगों के ज़हन में आजकल एक ही सवाल है? आखिर, टीका लगवाने की मेरी बारी कब आएगी. सवाल लाज़िमी भी है क्योंकि कोविड-19 के ख़िलाफ़ वैक्सीनेशन पूरी दुनिया के लिए ज़िंदगी और मौत का सवाल बन चुका है. कुछ मुट्ठी भर देशों ने वैक्सीनेशन का एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित कर लिया है लेकिन बाकी दुनिया में इसे लेकर तस्वीर बहुत ज़्यादा साफ़ नहीं दिखती. हालाँकि वैक्सीनेशन...

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आत्मनिर्भर खेती की ओर - बाबा मायाराम

“पहले मैं रासायनिक खेती करता था, लेकिन इससे धीरे-धीरे मेरे खेत की मिट्टी जवाब देने लगी, उत्पादन कम होने लगा। इसके बाद मैंने जैविक खेती शुरू की। जैविक खाद व जैव कीटनाशक बनाना सीखा। खेती में अच्छा उत्पादन लिया, मिट्टी में सुधार हुआ। अब मैं दूसरों को भी जैविक खेती करने के लिए प्रशिक्षण देता हूं।” यह ओडिशा के सुदाम साहू थे, जो बरगढ़ जिले के कांटापाली गांव में रहते...

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लांसेट में छपी स्टडी के अनुसार सुरक्षित है कोवैक्सीन, कम से कम 3 महीने रह सकता है इम्यून रेस्पॉन्स

-द प्रिंट, मंगलवार को प्रकाशित हुई एक स्टडी में दावा किया गया है कि कोविड टीका कोवैक्सीन से पैदा हुआ इम्यून रेस्पॉन्स कम से कम तीन महीने तक रहता है और वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 14 दिन की बजाय 28 दिन का अंतराल ज़्यादा कारगर रहता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक के रिसर्चर्स द्वारा की गई और लांसेट इनफेक्शियस डिज़ीज़ेज़ पत्रिका में छपी, इस स्टडी में वैक्सीन...

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डिजिटल कवरेज से डरे बीजेपी मंत्रियों द्वारा आलोचना करने वाले पत्रकारों को ट्रैक करने और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अंकुश का प्रस्ताव

-द कारवां, डिजिटल न्यूज और सोशल मीडिया को नियंत्रण करने के लिए सरकार द्वारा हाल में उठाए गए कदम के पीछे वह रोडमैप है जो कोविड महामारी की चरम अवस्था में सरकार द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में बताया गया था. इस रिपोर्ट को जिस मंत्रियों के समूह या जीओएम ने तैयार किया था उसमें पांच कैबिनेट स्तरीय और चार राज्यमंत्री थे. उस रिपोर्ट में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास...

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