जनसत्ता 5 जून, 2013: दलितों के अधिकारों की जानकारी हासिल करने के लिए सूचनाधिकार के तहत डाले गए आवेदन पर जानकारी मिलने में कितना वक्त लगता है? यों तो नियत समय में जानकारी मिल जानी चाहिए, मगर आप गुजरात जाएं तो वहां कम से कम तीन साल का वक्त जरूर लग सकता है और वह भी तब जब आप सूचना हासिल करने के लिए राज्य के सूचना आयोग के आयुक्त...
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नक्सली इलाके में आज भी बच्चियों की किलकारियों की गूंज से सूने हैं कान!
रायपुर. नई जनगणना में चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं। छत्तीसगढ़ में बच्चियों की संख्या कम हो रही है। शून्य से छह आयुवर्ग में प्रति हजार लड़कों के पीछे ९६९ बच्चियां हैं, जबकि बीस साल पहले यह संख्या ९८४ थी। हालांकि एक दशक में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का अनुपात जरूर बढ़ा है। नई जनगणना के अनुसार महिला-पुरुष का अनुपात 10 सालों में 989 से बढ़कर 991 प्रति हजार हो गया...
More »अपनी छोड़ दूसरे की खेत में कर रहे हैं मजदूरी, 10 साल में 3 लाख लोग ने छोड़ी है किसानी
रायपुर। छत्तीसगढ़ बनने के बाद प्रदेश में तीन लाख किसानों ने खेती छोड़ दी है। इतना ही नहीं राज्य में 10 साल पहले जहां 30 लाख लोग दूसरे के खेतों में मजदूरी करते थे। वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 50 लाख हो गई है। हालांकि इस अवधि में यहां की कुल आबादी में 47 लाख की वृद्धि हुई है। उस समय राज्य की आबादी 2.08 करोड़ थी जो बढ़कर अब 2.55 करोड़ हो...
More »क्या कागजी ही रहेगा बालश्रम कानून- किशोर
जनसत्ता 30 अप्रैल, 2013: मंत्रिमंडलीय समितिद्वारा बालश्रम (प्रतिबंधन एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी दिए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं, पर अभी तक यह संसद के दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया है। इस संशोधन को राज्यसभा में पेश भी किया जा चुका है, पर मामला उससे आगे नहीं बड़ा है। इस अधिनियम में संशोधन के बाद चौदह वर्ष से कम आयु के बच्चों से...
More »आरक्षण की उलझन- योगेश अटल
जनसत्ता 20 अप्रैल, 2013: अब आरक्षण से जुड़ा आज का प्रश्न। नए भारत का संविधान रचने वालों ने प्रारंभ में इसकी आवश्यकता को नहीं स्वीकारा। कहा जाता है कि खुद आंबेडकर इसके पक्ष में नहीं थे। बड़े संकोच के साथ उन्होंने इस सुझाव को सम्मिलित किया और वह भी केवल चुनिंदा समूहों के लिए और प्रारंभ के कुछ वर्षों के लिए। आरक्षण का प्रावधान उन जातियों और आदिवासी समूहों के...
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