वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने आज कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7 प्रतिशत तक रहेगी। हालांकि अमेरिका की रेटिंग एजेंसी ने अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के लिये 7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर को 'चकित करने वाला' बताया है। इससे पिछली तिमाही में यह 7.4 प्रतिशत थी। फिच ने कहा, ‘‘यह आंकड़ा थोड़ा चकित...
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नोटंबदी को दरकिनार कर Q3 में जीडीपी वृद्धि दर 7%, पूरे वर्ष का वृद्धि अनुमान 7.1% पर बरकरार
नोटबंदी की वजह से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंकाओं को दरकिनार करते हुये चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही है, जबकि पूरे वर्ष की वृद्धि का दूसरा अग्रिम अनुमान भी 7.1 प्रतिशत पर पूर्ववत रहा है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के मंगलवार (28 फरवरी) को जारी तीसरी तिमाही और पूरे वर्ष के अग्रिम अनुमान में...
More »राष्ट्रीय औसत से भी 30 हजार रुपए कम है मप्र में प्रतिव्यक्ति आय
भोपाल, नईदुनिया प्रतिनिधि। मप्र की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 72 हजार 599 रुपए हो गई है। हालांकि ये देश की प्रति व्यक्ति आय से कम है। मंगलवार को वित्त मंत्री जयंत मलैया ने विधानसभा में साल 2016-17 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया, जिसमें यह आंकड़ें सामने आए। प्रचलित भावों पर देश में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 3 हजार रुपए सालाना है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में मप्र अन्य राज्यों...
More »नौकरियां कहां हैं?-- संदीप मानुधने
एक सौ तीस करोड़ से अधिक की जनसंख्या के हमारे देश में हमें लगातार बताया गया है कि अधिकांश आबादी युवा है और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. यह तर्क मैंने 1997 के बाद से लगभग हर राजनेता को इस्तेमाल करते देखा. तब उम्मीदें आसमान तो छू रही थीं, क्योंकि वैश्वीकरण के चलते हर तरह की तरक्की का वादा हमसे हुआ था, (और कुछ हद तक वैसा हुआ भी)....
More »इंफ्रा-मुखी लुभावना बजट-- प्रमोद जोशी
भारत का बजट लोक-लुभावन राजनीति, राजकोषीय अनुशासन और अर्थशास्त्रीय नियमों की रोचक चटनी होता है. इसकी बारीकियां केवल वित्त मंत्री का भाषण सुननेभर से समझ में नहीं आतीं. अलबत्ता पहली नजर में सार्वजनिक प्रतिक्रिया समझ में आ जाती है. इस लिहाज से इस बार का बजट काफी बड़े वर्ग को खुश करेगा. इसमें सामाजिक क्षेत्र का ख्याल है, ग्रामीण क्षेत्र की फिक्र है, साथ ही छोटे करदाता की परेशानियों को...
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