हिसार, जागरण संवाददाता हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट वैज्ञानिकों के मुताबिक देश में हालाकि विकसित देशों के मुकाबले कीटनाशक रसायनों की कृषि में खपत बहुत कम है फिर भी कृषि उत्पादों तथा पर्यावरण में इन हानिकारक रसायनों के अवशेष मिलना आम बात है जोकि मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है। खाद्य पदार्थो तथा पर्यावरण में कीटनाशक रसायनों के निर्धारित सुरक्षित मात्रा से अधिक अवशेष पाए जाने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है। विश्वविद्यालय के...
More »SEARCH RESULT
ग्लोबल वार्मिंग की एक रिपोर्ट पर विचारों का महाभारत
यूएनएफपीए की एक रिपोर्ट द स्टेट ऑव वर्ल्ड पॉपुलेशन 2009 के जारी होने के साथ ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर विचारों की टकराहट अपने चरम पर जा पहुंची है(रिपोर्ट की लिंक नीचे दी गई है) केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस रिपोर्ट को नई दिल्ली में जारी किया। वे इस बात से सहमत दिखे कि जलवायु परिवर्तन का बोझ महिलाओं पर पुरूषों की तुलना में कहीं ज्यादा पड़ेगा...
More »बारह सालों में आबादी बढ़ी एक अरब....
दुनिया की आबादी साल २०११ में ७ अरब हो जाएगी और आबादी की यह बढ़वार सबसे ज्यादा विकासशील मुल्कों में होगी। द वर्ल्ड पॉपुलेशन रेफरेंस ब्यूरो द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि महज १२ सालों के अंतराल में दुनिया की आबादी में एक अरब की बढ़ोतरी (साल १९९९ में विश्व की जनसंख्या ६ अरब थी) अपने आप में ऐतिहासिक घटना है। रिपोर्ट के अनुसार अगले दो सालों में...
More »दो सिरदर्द का एक इलाज
चीन के साथ तनाव और माओवादियों द्वारा पेश की गई चुनौतियों ने पिछले कुछ हफ्तों से अखबारों की काफी सुर्खियां बटोरी हैं। हालांकि इन दोनों मसलों का एक दूसरे से जुड़ाव नहीं दिखता, लेकिन ये दोनों तब एक साथ केंद्र में आ जाते हैं जब हम आर्थिक विकास व मानव विकास के मुख्य आंकड़ों पर नजर डालते हैं। पहले चीन की बात करते हैं। वैश्विक आर्थिक प्रभाव, कूटनीतिक पहुंच, सैन्य शक्ति व...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
More »