अंबेडकर जयंती आई और गई। न जाने कितने नेताओं ने बाबा साहब के सपनों को साकार करने के प्रति अपनी निष्ठा की दुहाई दी होगी। भाजपा के नेताओं ने तो देश भर में इस बात का ढिंढोरा पीट दिया कि उन्होंने ही बाबा साहब को भारत रत्न से नवाजा था। बाबा साहब के जन्मदिन के बाद बीते पंद्रह दिनों में इस बात की कम से कम तीन बार याद दिलाई...
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विकास मॉडलों के शोर में गुम मजदूर- रौशन किशोर/जीको दासगु्प्ता
चुनावी बहस-मुबाहिसों में विकास की चर्चा तो खूब है, लेकिन इस विकास का आधार और देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा मजदूर कहीं प्रमुख मुद्दा नहीं है. घोषणापत्रों में श्रमिकों के मसलों को शामिल तो किया गया है, लेकिन उनके लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है. देश में मजदूर वर्ग निरंतर शोषण और दमन का शिकार बनता रहा है. ‘मई दिवस’ के मौके पर मजदूरों से जुड़े मसलों को रेखांकित...
More »मीडिया चालित समाज में लोकतंत्र- विपुल मुद्गल
हमने चर्चित कारपोरेट पीआर बॉस नीरा राडिया, मीडिया की नामवर हस्तियों और राजनीति के दिग्गजों की टेलीफोन की बातचीत के लीक हुए टेपों में जो कुछ सुना है वह एक मीडिया-चालित(मीडिया-आइज्ड) राजनीति की सटीक तस्वीर पेश करता है। इस प्रकरण से पता चलता है कि किस तरह से पेशेवर संवादकर्मी (प्रोफेशनल कम्युनिकेटर्स) महत्वपूर्ण नीतियों के मामलों में जनता की समझ को गढते या परिचालित करते हैं। निसंदेह...
More »बुरी राजनीति की महामारी के चपेट में क्यों है उत्तर प्रदेश?
अपनी चुनावी यात्र के दौरान सुप्रिया शर्मा ने महसूस किया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाता आज भी जाति, समुदाय और धर्म से अलग कुछ भी सोचने को तैयार नहीं हैं, वे भी नहीं जिनके बच्चे गंभीर रूप से बीमार हैं. जाति के प्रति उनका आग्रह बहुत कुछ कहता है. पिछले हफ्ते जब मैंने महामारी वार्ड संख्या 12 का दौरा किया था तो वहां का माहौल दूसरे दिनों के मुकाबले बेहतर था. वहां...
More »गुजरात को पीछे छोड़कर तमिलनाडु बना नंबर 1
चुनावी माहौल में राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के हर दांव खेल रहे हैं। इसके तहत भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विकास पुरुष की छवि को मजबूत करने के लिए यह दावा किया है कि उनके राज्य गुजरात में छोटे और मझोले उपक्रमों की संख्या 85 फीसदी की दर से बढ़ रही है। जबकि, बनारस में उनको चुनौती देने वाले आम आदमी पार्टी...
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