चंबा/शिमला. प्रदेश में राशनकार्ड और गैस कनेक्शन में भारी गोलमाल चल रहा है। करीब साढ़े डह लाख उपभोक्ता सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत फर्जीवाड़े से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। इससे सरकार को हर माह लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश धवाला ने चंबा में एक औचक निरीक्षण के बाद प्रदेश में चल रही इस धांधली का खुलासा किया। धवाला ने बताया कि वर्तमान में...
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कचरे से बनी बिजली दिल्ली के लिए घातक- प्रतिभा शुक्ल
नई दिल्ली, 3 जनवरी। राजधानी दिल्ली को मौत के मुहाने पर धकेला जा रहा है। यहां कचरे से बिजली बनाने के संयंत्रों को स्थापित कर उन्हें चलाने की तैयारी जोरशोर से चल रही है। जबकि कचरा जलाने से जहरीले रसायन डाईआक्सिन के हवा में घुलने का खतरा है जो राजधानीवासियों को घातक बीमारियों की चपेट में ला देंगे। तमाम विरोधों के बावजूद कार्य प्रगति पर है। रेजीडेंट्स वेलफेयर एजंसियों ने इस...
More »पांच वर्षो में दोगुनी होगी पैदावार
पटना : पांच वर्षो में बिहार में खरीफ और रबी फसलों का उत्पादन दोगुना होगा. साथ ही राष्ट्रीय औसत से अनाज उत्पादन अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है. धान, गेहूं, दलहन, तिलहन और मक्का सहित सभी प्रकार के अनाज और सब्जी उत्पादन में न सिर्फ आत्मनिर्भरता हासिल होगी, बल्कि निर्यात भी किया जा सकेगा. शुरू होंगी नयी योजनाएं उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य में कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. कृषि...
More »नकली दवाओं का पता लगाने वाली किट विकसित करेगा गुजरात
अहमदाबाद, दो जनवरी (एजेंसी) गुजरात दवा नियंत्रण प्रशासन :जीएफडीसीए: ऐसी त्वरित खोज किट विकसित कर रहा है जिनके जरिए नकली दवाओं का जल्द पता लगाया जा सकेगा। यह परियोजना अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य निकाय स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के साथ सहयोग में शुरू की गई है और अपनी तरह की पहली परियोजना है। जीएफडीसीए के एचजी कोशिया ने पीटीआई को बताया, े स्वास्थ्य एवं मानव सेवा, यूएसएफडीए से तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल...
More »49 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए नहीं मिली जमीन
छपरा : नाबार्ड के द्वारा जिले में 103 आंगनबाड़ी केंद्र भवन बनाने की योजना के लिए सबसे बड़ी बाधा भूमि की अनुपलब्धता बन गयी है. जिले में अब तक महज 16 आंगनबाड़ी केंद्र ही बन पाये हैं. कुछ का काम समाप्ति की स्थिति में है. कुल 49 आंगनबाड़ी केंद्र भूमि की अनुपलब्धता के कारण न तो निर्माण की प्रगति में है और न कोई उम्मीद दिखती है. यदि भूमि नहीं मिली, तो...
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