कोलकाता. पिछले दिनों राज्य में ओलो की हुई बारिश से भारी मात्रा में फसल को नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगायी है, पर इन किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार को चुनाव आयोग के फैसले पर निर्भर करना होगा. राज्य कृषि विभाग के अनुसार बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़ों के गिरने एवं भारी बारिश के कारण लगभग 50 हजार किसान प्रभावित हुए हैं. उत्तर 24...
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पानी के सवाल से क्यों बचते हैं राजनीतिक दल- विनीत नारायण
चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दल अब इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि जनता के सामने वायदे क्या करें? यह पहली बार हो रहा है कि विपक्षी दलों को भी कुछ नया नहीं सूझ रहा है। दरअसल हाल ही में बड़े वायदे के साथ दिल्ली में सत्ता में आई केजरीवाल सरकार की जिस तरह की फजीहत हुई, उससे तमाम विपक्षी दलों के सामने चुनौती खड़ी हो गई...
More »घोषणापत्रों में नजरंदाज होते किसान
चुनाव अभियान पूरे देश में जोर-शोर से जारी है, लेकिन इसमें न किसान कहीं दिख रहा है और न किसान की चिंता। जहां भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि और उससे जुड़े उद्योगों पर निर्भर है, वहां उस तबके की उपेक्षा हैरान करने वाली है। यह भी खबर आ रही है कि इस बार प्रमुख पार्टियों का ध्यान उन 250 सीटों पर ही है, जिनके बारे में माना जा...
More »चुनावी घोषणापत्रों में नजरंदाज होते बच्चे - क्षमा शर्मा
कई साल पहले दुनिया के बच्चों की स्थिति का आकलन करते हुए यूनिसेफ ने कहा था कि बच्चे वोट नहीं दे सकते, इसलिए कोई उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देता। अब जब आम चुनाव सामने है, तो इसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। सारे दल दलितों, महिलाओं, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए लगभग हर रोज कुछ-न-कुछ कह रहे हैं, मगर वे बच्चों और किशोरों को भूल गए हैं।...
More »इतने सारे लोग आखिर वोट क्यों नहीं देते- पंकज चतुर्वेदी
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में 16वीं लोकसभा चुनने का उत्सव शुरू हो चुका है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनावी प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या हमारी सरकार वास्तव में जनता के बहुमत की सरकार होती है। यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांत पर व्यंग्य ही है कि केंद्र की सरकार आम तौर पर कुल आबादी के 14-15 फीसदी लोगों के समर्थन...
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