पटना : केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार से अगले सौ दिनों में बिहार को विशेष पैकेज का तोहफा मिल सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय से इस दिशा में पहल के संकेत मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को आकलन करने को कहा है. संसद के मॉनसून सत्र के दौरान या अगले कुछ दिनों में इसकी आधिकारिक घोषणा...
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परिवर्तन के लिए पूर्वाभ्यास- प्रभु जोशी
जनसत्ता 23 मई, 2014 : इन चुनाव परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि नरेंद्र मोदी अपने दल से बड़े हैं। वे मालवा की इस कहावत के चरितार्थ हैं कि‘दस हाथ की कंकड़ी में बीस हाथ का बीज’। उनके ऐसा ‘वैराट्य’ ग्रहण करते ही उनका दल छिलके की तरह नीचे गिर गया है। वे स्वयंसिद्ध सत्ता की उस धार में बदल चुके हैं, जिसे अब दल की पुरानी आडवाणी-अटल छाप म्यान...
More »नयी सरकार सहारा नहीं, साथी बने
अमर पिछले 42 सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के प्रति हमेशा कार्य करते रहे हैं. पहली बार सन् 1972 में इन्होंने इस क्षेत्र में बेहतरी के लिए कदम रखा और तब से लगातार गांव-पंचायतों के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं. पूर्वी चंपारण के निवासी आमर को लालबहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी, मसूरी द्वारा भूमि सुधार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए मोमेंटो और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया...
More »नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क
16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...
More »नौकरी छोड़ सरपंच बनी आरती की उड़ान
32 वर्षीया आरती ने सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमीनिस्ट्रेशन (एमबीए) करने के बाद दो सालों तक बैंकिंग सेक्टर में काम किया. प्रबंधन की पढ़ाई करने के बाद बेरहामपुर में आइडीबीआइ कंपनी में मैनेजर बनीं, लेकिन बैंकिंग सेक्टर उन्हें रास नहीं आयी. आरती वर्ष 2012 में नौकरी छोड़ राजनीति में आ गयीं. राजनीति में आने का कारण उनका अपने पैतृक गांव के प्रति अत्यधिक लगाव था और यहां...
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