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नदीसूत्रः मुंबई की मीठी नदी का कड़वा वर्तमान और जहरीला भविष्य

-इंडिया टूडे हिंदी   मायानगरी मुंबई कुछ महीनों पहले सोशल मीडिया पर आरे के जंगल बचाने जाग गई थी. पर शहर के लोगों ने एक मरती हुई नदी पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया. मुंबई ने एक नदी को मौत की नींद सोने पर मजबूर कर दिया है. नाम है मीठी, पर इसका भविष्य और वर्तमान दोनों कड़वा-कसैला है. खुद महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना है कि मीठी नदी में अवशिष्ट...

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बजट 2020 में ग्रामीण भारत को क्या मिला ?

एक फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट को संसद में पेश किया गया। सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। गांव, कृषि और किसानों के लिए वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 16 सूत्रीय योजनाओं की घोषणा भी की। परन्तु बजट का अर्थ केवल बड़ी-बड़ी घोषणाएं करना नहीं होता बल्की घोषणाओं के पीछे किये धनराशि आवंटन...

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Budget 2020: बजट में नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों

-बीबीसी हिंदी   मांग का क्या होगा, ग्रोथ का क्या होगा, रोज़गार का क्या होगा? बजट के पहले सबके मन में यही सवाल थे और उम्मीद थी कि साफ़ जवाब मिलेंगे. ज़्यादा आशावादी लोग कुछ ऐसी धमाकेदार घोषणा सुनने की तैयारी में थे जिनसे अर्थव्यवस्था की तस्वीर ही बदल जाएगी. उन सवालों का तो कोई साफ़ जवाब दो घंटे 41 मिनट के भाषण में मिला नहीं. दीनानाथ कौल की कश्मीरी कविता और तमिल में...

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इलेक्टोरल बॉन्ड: वित्त विधेयक बनाकर इसे राज्यसभा की निगहबानी से कैसे बचाया अरुण जेटली ने

कानून मंत्रालय ने मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में विवादास्पद इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित लिये गये फैसले और इलेक्टोरल फंडिंग से जुड़े अन्य कानूनों में संसदीय प्रक्रिया के तहत किये गये बदलावों को आधिकारिक रूप से सहमति दी थी. मंत्रालय की तरफ़ से यह सब गड़बड़ियां की गई. हमें मिले दस्तावेज़ों में इस बात के पूरे साक्ष्य हैं कि मोदी सरकार द्वारा इस पर राज्यसभा को बाइपास करना असंवैधानिक, गैरकानूनी था. इसमें...

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राजनीतिक दलों की बढ़ती वित्तीय आय में अपारदर्शी चुनावी चंदा

साल 2019 बीतते-बीतते प्रमुख राजनीतिक दलों की वित्तीय आय और इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनाव में चंदे की नई व्यवस्था से जुड़ी कई खबरें और चर्चाएं सुनने को मिलीं. लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने और पत्रकारों ने आरटीआइ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनावी चंदा लेने के इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे अपारदर्शी तंत्र पर सवालिया निशान खड़े किए. इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग...

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