विश्रामपुर(गढ़वा). रेहला स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शुक्रवार की रात खाना न खाने से 170 बच्चियों की जान बच गई। खाने में जहर मिला था, जिसे खाने से एक बच्ची गंभीर रूप से बीमार हो गई। स्थानीय चिकित्सक के परामर्श के बाद नौवीं की छात्रा हसबुन खातून को सदर अस्पताल गढ़वा रेफर किया गया। रात भर चले इलाज के बाद वह विद्यालय लौट आई है। खाना खाते ही हसबुन...
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अन्न स्वराज- वंदना शिवा
भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...
More »छत्तीसगढ़ में विषाक्त भोजन से 70 बीमार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के टेकनार गांव में विषाक्त भोजन खाने से 70 से ज्यादा गरीब लोगों की तबीयत बिगड़ गई, जिस वजह से उन्हे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बीमार हुए लोगों में 32 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को मरीजों की हालत स्थिर बताई। जानकारी के अनुसार सोमवार को प्रदेश के दंतेवाड़ा जिले के गांव टेकनार में महाशिवरात्रि पर्व पर शिव मंदिर...
More »असम के चाय-बागान में भुखमरी से मौत
इतिहासकार बताते हैं कि अंग्रेजीराज के समय देश के पूर्वोत्तर के चाय-बागानों में काम करने वाले मजदूर बड़ी दीन-दशा में थे, तकरीबन बंधुआ मजदूर की दशा में। आजादी के बाद, इनकी दशा कुछ सुधरी। गुजरे कुछ दशकों में देश के चाय-उद्योग ने उन सालों में भी मुनाफा कमाया जिन सालों को आर्थिक-प्रगति के लिहाज से बेहतर नहीं माना जाता। ठीक इसी कारण, असम के चाय-बागानों से आने वाली भुखमरी की...
More »असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर
खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
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