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प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून में संशोधन को अड़ी खेमस

पटना देश में वास्तविक खाद्य सुरक्षा कानून बनाने, सरकारी मजदूरी में वृद्धि करने, तमाम गरीबों को बीपीएल सूची में शामिल करने को ले अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा (खेमस) आंदोलन के मूड में आ गई है। खेमस की ओर से आगामी सात जुलाई को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस दिन देश के तमाम ग्रामीण मजदूर हड़ताल पर रहेंगे। इस बाबत संवाददाता सम्मेलन आयोजित...

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दालों की खेती पर नहीं, आयात पर बढ़ाया खर्च

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दालों के आयात के लिए 5000 करोड़ रुपये और दलहन खेती के लिए औसतन सालाना केवल 500 करोड़ रुपये। समझा जा सकता है कि दालों की पैदावार क्यों नहीं बढ़ रही है। पिछले चार सालों में सरकार ने जितना धन दलहन की खेती के प्रोत्साहन के लिए दिया है, उससे दोगुना हर साल दालों के आयात पर खर्च होता है। जब खेती बेहतर करने में...

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महिला श्रमिकों की पीड़ा

नई दिल्ली [प्रदीप कुमार मील]। एक अनुमान के मुताबिक विश्व के कुल काम के घटों में से महिलाएं दो तिहाई घटे काम करती हैं, लेकिन वह केवल 10 फीसदी आय ही अर्जित करती हैं और विश्व की केवल एक फीसदी संपत्ति की ही मालकिन हैं। भारतीय संदर्भ में महिला श्रम या श्रम में महिलाओं की भागीदारी पर बात करते समय पिछले कुछ वर्षो में तीन विषेष तथ्य सामनें आतें...

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राज्य में धान, गेहूं व दलहन का उत्पादन लक्ष्य से कम

कोलकाता। राज्य में धान समेत अन्य अनाजों का उत्पादन लक्ष्य से कम हो रहा है। इससे राज्य सरकार की चिंता बढ़ गयी है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के जरिये पश्चिम बंगाल में धान, गेहूं व दलहन का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस सिलसिले में राज्य के कृषि अधिकारी सार्थक कुमार वर्मा ने बताया कि जिस रफ्तार से आबादी बढ़ रही है उस अनुपात में अनाज का उत्पादन नहीं बढ़ रहा...

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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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