दुनिया में 86 करोड़ 50 लाख महिलाएं अर्थव्यवस्था में योगदान के बावजूद बिना कमाई के जीवन गुजारने को बाध्य हैं। इस तादाद का 94 फीसद विकासशील देशों में है जबकि 6 फीसद विकसित देशों में। साल 2020 तक अर्थव्यवस्था से बाहर जीवन बिताने वाली महिलाओं की तादाद तकरीबन 1 अरब यानी भारत या फिर चीन की कुल आबादी के बराबर हो जाएगी। क्या अर्थव्यवस्था से बाहर जीवन बिताने को बाध्य महिलाओं की यह तादाद आर्थिक...
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पर्यावरण भी हो विकास का मानक- अनिल पी जोशी
हमने विकास का सबसे बड़ा मापदंड सकल घरेलू उत्पाद की दर को माना है। किसी भी देश की प्रगति उसकी जीडीपी के आधार पर तय की जाती है। इसमें उद्योग, सुविधाएं, रियल इस्टेट बिजनेस, सेवाएं आदि मुख्य रूप से आते हैं। सही मायने में खेती को ही जीडीपी या उत्पादन की श्रेणी में आना चाहिए, क्योंकि अन्य उत्पाद हमारी सुविधाओं से जुड़े हैं, न कि आवश्यकताओं से। विकास की मौजूदा अवधारणा...
More »ब्राजील की झुग्गियों में हुए भारत के दर्शन
भारत और ब्राजील दोनो विकासशील देश हैं और कई मामलों में दोनो देशों में कई समानताएँ हैं. ब्राज़ील के रियो दी जनेरो शहर में कोपाकबाना और इपानेमा इलाकों के बीच में स्थित है कांटागालो हिल इलाका जहां तक पहुंचने के लिए लिफ्ट है. इस झुग्गी-झोपड़ी इलाके तक पहुंचने का ये नया साधन है. यहाँ भारतीय लेखक सुकेतु मेहता भी पहुँचे. लिफ़्ट से इस इलाके का जायज़ा कर रहे मेहता कहते हैं, "अगले पांच-दस...
More »हथियारों के ‘जखीरे’ पर खडी है दुनिया
नई दिल्ली : अफ्रीका से लेकर एशिया तक हर तरफ मची हिंसा में छोटे हथियारों का अत्यधिक इस्तेमाल हो रहा है और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि राजनीतिक अस्थिरता तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारा नहीं गया तो आने वाले समय में स्थिति और विकट हो जायेगी. - विश्व में 87 करोड़ 50 लाख छोटे हथियार दुनियाभर में कितने छोटे हथियार हैं इसका कोई ठीक ठीक आंकडा नहीं है लेकिन संयुक्त राष्ट्र...
More »भोजन बर्बाद करने की इज्जत- अरुण कुमार त्रिपाठी
जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
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