मुजफ्फरपुर, काप्र : उत्तर बिहार के करीब 65 हजार पीपीएफ पेंशनधारियों को विभागीय उदासीनता के कारण छह माह से पेंशन राशि नहीं मिल रही है। इससे उनमें त्राहिमाम मचा है। ऐसे भी महज 500 से 2000 रुपये पेंशन से जीवन काटने वाले इन पेंशनधारी बुजुर्गो की सुध लेने वाला कोई नहीं है। पेंशन लाभ के लिए लालायित ये बुजुर्ग भविष्यनिधि कार्यालय का चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं। ऐसे बुजुर्गो का कहना...
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क्या हो विकास की सही परिभाषा- भारत डोगरा
सामान्य रूप से बाहरी चमक-दमक को देखकर कह दिया जाता है कि यह क्षेत्र विकास कर रहा है। मान लीजिए किसी महानगर में बहुत सी झुग्गी-झोपडि़यों बनी हैं और महानगर में कार्य करने वाले गरीब मजदूरों को इन सस्ते आवासों में आश्रय मिला हुआ है, क्योंकि इससे महंगी जगह में रहने के लिए पैसा उनके पास नहीं है। एक दिन उनकी झोपडि़यां तोड़ दी जाती हैं। इस स्थान पर एक...
More »बीपीएल के हक पर सौदागरों की नजर
देहरादून, जागरण संवाददाता: बीपीएल के हक पर सौदागरों की गिद्धदृष्टि गढ़ी हुई है। कोरोनेशन अस्पताल में सामने आए इंजेक्शन बेचे जाने के मामले ने स्वास्थ्य महकमे की साख को तो बट्टा लगा ही डाला है। साथ ही कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं इस पेशे से जुड़े उन तमाम लोगों पर, जिन्हें अस्पताल में भर्ती मरीज भगवान से कम नहीं मानता। और यह पहली दफा नहीं जब बीपीएल के...
More »तली पर तालीम- अनुपमा(तहलका)
झारखंड में पिछले कुछ दिनों से शिक्षा पर बात हो रही है. आंदोलन हो रहे हैं. प्रदर्शन हो रहे हैं. इंटर का परीक्षा परिणाम आने के बाद बवाल मचा हुआ है. लेकिन यह सब आश्चर्य की बात नहीं. झारखंड में पिछले दस साल में शिक्षा की जो गति रही है उसकी परिणति ऐसी ही दुर्गति के रूप में होनी थी. अनुपमा की रिपोर्ट जिस राज्य में एक निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री बन...
More »छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी
जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....
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