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स्त्री उत्पीड़न की जड़ें- विकास नारायण राय

जनसत्ता 23 अक्तूबर, 2013 : उत्पीड़न के साए में दिल्ली विश्वविद्यालय के आंबेडकर कॉलेज की कर्मचारी की आत्महत्या, महिला सशक्तीकरण को मात्र यौनिक सुरक्षा के चश्मे से देखने के प्रति गंभीर चेतावनी है। सभी मानेंगे कि देश की राजधानी के एक बड़े शिक्षा संस्थान के इस प्रचारित प्रकरण के चार वर्ष तक खिंचने की जरूरत नहीं थी, और इसका अंत न्याय में होना चाहिए था, न कि आत्महत्या में। काश,...

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परिचर्चा: विकास की अवधारणा

निमंत्रण                      परिचर्चा: विकास की अवधारणा                                 डॉ. शिवराज सिंह (योजना मंडल) और प्रो. हनुमंत यादव,                                                 चर्चा में- बी.के.मनीष के साथ.   छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच की ’विधानसभा चुनाव जागरूकता कार्यक्रम श्रृंखला” की पहली कड़ी.                       सायं ४ बजे, मंगलवार, २२ अक्टूबर, प्रेस क्लब, रायपुर. धार्मिक ध्रुवीकरण तथा सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को पार कर के अब चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़े जा रहे हैं। जहां राज्य और केंद्र की वर्तमान सरकारें चहुंमुखी विकास विकास के दावे करते नहीं थक रही हैं वहीं...

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वर्ष 2020 तक 140 अरब डॉलर का होगा भारतीय डेयरी उद्योग

देश में डेयरी उद्योग अगले वर्षों में तेजी से बढऩे की संभावना है। संगठित और असंगठित क्षेत्र में इस उद्योग का कारोबार वर्ष 2020 तक बढ़कर 140 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है क्योंकि लोगों की आय बढऩे की वजह से उनकी मांग में तेजी से इजाफा हो रहा है। इन्वेस्टर रिलेशन्स सोसायटी (आईआरएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार अगले सात वर्षों में भारतीय डेयरी उद्योग का आकार बढ़कर दोगुना हो जाएगा।...

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सुधार के नाम पर- विनोद कुमार

जनसत्ता 19 अक्तूबर, 2013 : कोयला घोटाले को लेकर एक बार फिर हंगामा है। इस बार एक बड़े उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारख पर सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर को लेकर हंगामा मचा है। बिड़ला देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति हैं और पूर्व सचिव पारख को कोयला घोटाले का खुलासा करने वाले कैग ने ‘विसल ब्लोअर’ कहा था। लेकिन यह सवाल तो उठता ही है कि कई...

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आपदा फंड से बने तालाबों को भी राहत की दरकार

राज्य में हर साल 1200 से 1400 एमएम तक बारिश होती है़  लेकिन, पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र होने के कारण अधिकतर पानी बह जाता है़  इसे रोकने के लिए छोटे-छोटे तालाब बहुत जरूरी हैं़  पानी पुरुष राजेंद्र सिंह भी मानते हैं कि झारखंड की जो भौगोलिक परिस्थिति है उसमें छोटे तालाबों का बड़ा महत्व है़ . इस प्रकार के तालाब हर गांव में बनाया जाना चाहिए़  वह भी दर्जनों की संख्या में इस...

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