पटना। गुजरात के बाद देश में विकास की दौड़ में दूसरे नंबर पर रहने वाले बिहार की अर्थव्यवस्था में उछाल का मुख्य कारण निर्माण, संचार और व्यापार के क्षेत्र में दर्ज हुई तेज वृद्धि है। विधानमंडल में राज्य सरकार द्वारा गुरुवार को पेश वर्ष 2009-2010 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इस संबंध में लगाए जा रहे अनुमानों पर मुहर लगा दी है। प्रदेश में चार सालों में प्रति व्यक्ति आय 7,443 रुपये से बढ़कर 10,415 रुपये...
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महंगाई की मार से अमेरिकी भी बेहाल
वाशिंगटन : दुनियाभर में आर्थिक मंदी और खाद्यान्न की कीमतों में उछाल का असर अमेरिका पर इतना गहरा हुआ है कि उसकी 20 फ़ीसदी आबादी के पास दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. अमेरिका में हाल में कराये गये एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 2009 में हर पांच में से एक अमेरिकी परिवार के सामने कम से कम एक बार ऐसे हालात पैदा हो गए थे कि उनके पास...
More »रिसाव से 950 करोड़ का पानी हो रहा बर्बाद
राजस्थान को पंजाब से पानी देने वाली इंदिरा गांधी नहर और राजस्थान व पंजाब दोनों को पानी देने वाली सरहिंद फीडर में से हर वर्ष 945 करोड़ रुपए का पानी रिसाव के कारण खत्म हो जाता है। एक-एक बूंद पानी को तरस रहे राजस्थान के किसान आंदोलन करने को मजबूर हैं। यह पानी इस क्षेत्र के किसानों के लिए अमृत से कम नहीं है। लेकिन इन दिनों नहरों में बर्बाद...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
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