आर्थिक विकास, व्यक्तिगत उपभोग और गरीबी उन्मूलन के बीच क्या कोई सूत्र है? यह इक्कीसवीं सदी के अर्थशास्त्रियों के सामने महत्वपूर्ण सैद्धांतिक प्रश्न है. पिछले डेढ़-दो सौ साल में दुनिया की समृद्धि बढ़ी, पर असमानता कम नहीं हुई, बल्कि बढ़ी. ऐसा क्यों हुआ और रास्ता क्या है? इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रिंसटन विश्वविद्यालय के माइक्रोइकोनॉमिस्ट प्रोफेसर एंगस डीटन को देने की घोषणा की गयी है. वे लंबे अरसे...
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लचर शिक्षा, अयोग्य बच्चे! कौन है इसका जिम्मेदार?-- रुचिर गर्ग
राज्य के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा के हाल पर अपनी व्यथा खुल कर जाहिर की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी स्कूली शिक्षा की इस बिगड़ी तस्वीर से नाखुश हैं, चिंतित हैं। सरकार के उच्च स्तर से आई इस व्यथा और चिंता से एक बात तो दिखती है कि कम से कम शिक्षा एक ऐसा मसला है जिस पर इस राज्य में विपक्ष...
More »एक योजना का निराधार हो जाना-- हरजिंदर
यूनीक आइडेंटिटी नंबर यानी आधार की राह कभी आसान नहीं थी। खासतौर पर आम लोगों ने इसके लिए काफी पापड़ बेले हैं। पांच साल पहले, जब कार्ड बनाने की शुरुआत हुई थी, तो इसका फॉर्म लेने के लिए ही लंबी लाइनें लगती थीं। फिर उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन दर्ज कराने के लिए हफ्तों बाद का समय मिलता था। इतने इंतजार के बाद नियत समय पर पहुंचने...
More »जेंडर फ्रीडम का संदेश दे रहे हैं शिवहर के राकेश
गया : मर्द, औरत व ट्रांसजेंडर सबका सम्मान और सबके बीच शांतिपूर्ण माहौल, महिलाओं पर एसिड अटैक के खिलाफ व समाज को बदलने के जुनून के साथ देश भर में साइकिल यात्रा पर निकले राकेश कुमार सिंह गुरुवार को गया पहुंचे. यहां वह महिला सामख्या के सदस्यों के साथ मुलाकात कर अपने उद्देश्य के बारे में बताया. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रांत, बोली, लिबास, धर्म, जाति या आर्थिक-सामाजिक हैसियत...
More »जेंडर फ्रीडम का संदेश दे रहे हैं शिवहर के राकेश
गया : मर्द, औरत व ट्रांसजेंडर सबका सम्मान और सबके बीच शांतिपूर्ण माहौल, महिलाओं पर एसिड अटैक के खिलाफ व समाज को बदलने के जुनून के साथ देश भर में साइकिल यात्रा पर निकले राकेश कुमार सिंह गुरुवार को गया पहुंचे. यहां वह महिला सामख्या के सदस्यों के साथ मुलाकात कर अपने उद्देश्य के बारे में बताया. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रांत, बोली, लिबास, धर्म, जाति या आर्थिक-सामाजिक हैसियत...
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