जयपुर. राजस्थान के महज 35 फीसदी परिवारों को ही परिसर में पेयजल उपलब्ध हो रहा है। शहरी क्षेत्र के 78.2% परिवारों को यह सुविधा है, जबकि गांवों में यह महज 21% है। ग्रामीण इलाकों में 58.3% परिवारों के पास ही बिजली है। मूलभूत सुविधाओं से जूझते हुए भी प्रदेश में आधुनिक सुविधाएं हासिल करने के लिए मशक्कत जारी है। कंप्यूटर अब आदिवासी इलाकों में भी पहुंच रहा है। प्रदेश के...
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तारणहार तकनीक- बृजेंद्र कुमार की रिपोर्ट
एक उपाय जिसने असंतुलित लिंगानुपात के लिए बदनाम हरियाणा के झज्जर जिले को सुधार की राह पर डाल दिया. बिजेंद्र कुमार की रिपोर्ट. महिलाओं की बात पर हरियाणा एक विरोधाभास-सा लगता है. अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला कल्पना चावला इसी राज्य की थी, लेकिन बेटी के जन्म से पीछा छुड़ाने वाले भी सबसे ज्यादा इसी राज्य में हैं. महिला और पुरुष की संख्या का अंतर हरियाणा में खतरे की सीमा...
More »निर्मल भारत कैसे बनेगा- ऋषि कुमार सिंह
जनसत्ता 10 जुलाई, 2012: साफ-सफाई के मुद्दे पर भारत सरकार ने निर्मल भारत योजना बनाई है, जिसकी सफलता के लिए फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन को अपना ब्रांड एंबेस्डर नियुक्त किया है। बात बस इतनी-सी है, लेकिन इसका असर और यहां से उपजे संदेश को महज साफ-सफाई की जरूरत तक नहीं समेटा जा सकता। इसे महज बाजार की प्रवृत्ति कह देना भी जल्दबाजी होगी। राजनीति जैसी गतिविधि के हित-अहित पर इसका आकलन...
More »बिहार में शिक्षकों से नहीं लिए जाएंगे अन्य कार्य
पटना| बिहार में अब स्कूल के शिक्षकों से सर्वेक्षण, आंकड़ा संकलन जैसे गैर-शिक्षण कार्य नहीं लिए जाएंगे। एक अधिकारी ने यह बात रविवार को कही। यह फैसला तब लिया गया जब हजारों शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और विशेषज्ञों ने कहा कि शिक्षकों को अन्य कार्यो में लगाने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। योजना एवं विकास विभाग के मुख्य सचिव विजय प्रकाश ने कहा, "स्कूल के शिक्षकों को केंद्र या राज्य...
More »भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)
मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...
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