कृषक जातियों में बेचैनी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि खेती-किसानी अब मुनाफे का काम नहीं रही। उनके बच्चों के पास तकनीकी तालीम भी नहीं है, जिससे वे नए जमाने की नौकरियां पा सकें। ऐसे में राजनीतिक दांव-पेच उन्हें और अधीर कर रहे हैं। जाति-युद्ध की तरफ बढ़ती आग को रोकने के लिए फौरन कदम उठाए जाने चाहिए। हाल के घटनाक्रमों पर पेश है वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी का विश्लेषण पिछले...
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श्रीगंगानगर कलेक्टर ने लिखा, "मैं शर्मिंदा हूं"
जयपुर। राजस्थान स्थित श्रीगंगानगर के जिला कलेक्टर पीसी किशन ने आखिर कागज पर "मैं शर्मिंदा हूं" लिखकर अपने खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से माफी मांग ली। मुआवजा मांगने आए किसानों को जेल में डालने की धमकी देने और इसके बाद फिर एक विवादित बयान देने वाले कलेक्टर के खिलाफ शुक्रवार को श्रीगंगानगर बंद रहा था और किसानों तथा अन्य लोगों ने कलेक्टर के खिलाफ रैली निकाली थी। बाद में जब ये...
More »देर से मिला राहत भरा फैसला-- लक्ष्मीकांत चावला
जब आईपीसी में धारा 498-ए को शामिल किया गया था, तो समाज ने, विशेषकर वैसे परिवारों ने राहत महसूस की, जिनकी बेटियां दहेज के कारण ससुराल में पीड़ित थीं या निकाल दी गई थीं। लोगों को लगा कि विवाहिता बेटियों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। इससे दहेज के लिए बहुओं को प्रताड़ित करने वालों परिवारों में भी भय का वातावरण बना। शुरू में तो कई लोग कानून...
More »AADHAR: जानकारी लीक होने पर जानिए क्या है सजा ?
केंद्र सरकार ने भले ही बड़ी चतुराई से महत्वपूर्ण आधार विधेयक को संसद से पास करा लिया। सरकार भरोसा भी दे रही है कि आम आदमी की निजता का पूरा ख्याल रखा जाएगा। पर इस बिल में इस बात का जिक्र नहीं है कि इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज जिसमें सभी व्यक्तिगत जानकारी होती है, अगर लीक हो गई या किसी मकसद से सरकार ने ही इन जानकारियों का इस्तेमाल किया तो...
More »छद्म नायकों के इस दौर में-- अनुपम त्रिवेदी
विगत दिनों दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई घटना ने न केवल एक बड़ी बहस को जन्म दिया, बल्कि कुछ छद्म नायकों का भी सृजन किया. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में देश-विरोध और विभाजन के स्वर उठे. बहस बजाय इस पर होने के कि ऐसी आवाजें क्यों उठीं और इनके पीछे क्या मंतव्य है, बहस का दायरा दोषी कौन है और कौन नहीं पर सिमट गया. जिस आजादी...
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