स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने उन लोगों के नाम बताने से इनकार कर दिया है जिन्होंने चुनावी बॉन्ड स्कीम के तहत अब तक इलेक्शन में चंदा देने के लिये एक करोड़ मूल्य वर्ग (डिनॉमिनेशन) वाले बॉन्ड खरीदे. महत्वपूर्ण है कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने दो दिन पहले ही केंद्र सरकार से यह बताने को कहा था कि किसने चुनावी बॉन्ड स्कीम में दानकर्ता की गोपनीयता की मांग की...
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इन नीतियों से कृषि नहीं उबरेगी
“नीतियों का फोकस बदलें और प्रतिबंधों से मुक्त कर किसान को अपनी बुद्धिमानी से चयन करने दें” कृषि क्षेत्र की नीतियां बनाने में खाद्य सुरक्षा पर फोकस रहा है। यह वाजिब भी है क्योंकि देश में खाद्य वस्तुओं की कमी और आयात पर निर्भरता से निपटने के लिए हरित क्रांति इसी वजह से शुरू की गई। वाजिब कीमत पर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता हमारी नीतियों के केंद्र में रही और बाद...
More »हिंदू राष्ट्रवाद को चुनौती देना चाहते हैं ये दलित ब्रैंड्स
दक्षिण मुंबई में एक महंगे रीटेल स्टोर में जिस समय शहर के संपन्न लोग दलित उद्धार और 'बहिष्कृत लोगों' व फ़ैशन की दुनिया के मेल पर बात कर रहे थे, 32 साल के सचिन भीमा सखारे बाहर एक कोने में खड़े थे. ये सब हो रहा था बीते पाँच दिसंबर को. सचिन भीमा सखारे बताते हैं कि स्टोर में हुए इवेंट में 'चमार फ़ाउंडेशन' के सदस्यों द्वारा बनाए गए रबर के...
More »गोमती रिवरफ्रंट: एक परियोजना जो या तो योगी सरकार की कथनी-करनी का अंतर दिखाती है या उसकी असफलता
‘ओ, व्हाट ए क्रिमिनल नेग्लिजेंस’, लखनऊ में गोमती नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु पर खड़ी एक युवती जब किसी से यह कह रही थी तो उसका आशय गोमती नदी पर सैकड़ों करोड़ की लागत से बने आधे-अधूरे से गोमती रिवरफ्रंट की बदहाली से था. पुराने लखनव्वों से लेकर युवा पीढ़ी तक गोमती की दुदर्शा को लेकर उपज रहा आक्रोश यूं ही नहीं है. कल्याण सिंह की सरकार के दिनों...
More »नए साल पर जलते-बंटते मुल्क में मीडिया-रुदन
पिछले ही हफ्ते ओलिंपिक खेलों में प्रवेश के लिए मुक्केबाज़ी का ट्रायल हुआ था. मशहूर मुक्केबाज़ मेरी कॉम ने निख़त ज़रीन नाम की युवा मुक्केबाज़ को हरा दिया. इस घटना से पहले और बाद में क्या-क्या हुआ, वह दूर की बात है. मुक्केबाज़ी के इस मैच और उसके नतीजे की ख़बर ही अपने आप में जिस रूप में सामने आयी, वह मुझे काम की लगी. किसी ने ट्विटर पर किसी...
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