विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
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कागजों में चल रहा बाल संरक्षण आयोग
राज्य सरकार की ओर से गठित 'बाल अधिकार संरक्षण आयोग' दस महीने बाद भी कागजी बना हुआ है। सरकारी मुहर के महीनों बाद भी इसमें स्थायी अधिकारियों की तैनात नहीं हो सकी है। राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए गठित आयोग को सरकारी स्वीकृति के बाद से आज तक खुद का भवन तक नहीं मिला है। आयोग के काम-काज के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को नॉडल एजेंसी...
More »नैफेड पर लगाम कसने की तैयारी में सरकार
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी खरीद एजेंसी नैफेड की 'मनमानी' पर अंकुश लगाने के लिए कृषि मंत्रालय ने लगाम कसनी शुरू कर दी है। अब यह सरकार के लिए सिर्फ तिलहन व दलहन की ही खरीद कर सकेगी। इसके इतर उसके अन्य कारोबार करने पर बंदिश लगाने की तैयारी कर ली गई है। कृषि मंत्रालय ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है। इसे जल्दी ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के...
More »वर्षा जल पर अनुसंधान बंद
रायपुर. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के भूमि एवं वर्षा जल प्रबंधन विभाग के बंद होने के बाद से राज्य में वर्षा जल पर पांच साल से अनुसंधान बंद है। इसके विशेषज्ञों के शोध के बाद खेतों को सिचिंत करने २००३ में एक लाख डबरी बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। इस पर काम हुआ लेकिन बाद में सरकार बदलते ही इस योजना को बंद कर दिया गया।...
More »करोड़ों की चीनी गली
भोपाल. अगस्त 2009 में सरकार ने जमाखोरों और व्यापारियों के खिलाफ मुहिम चलाकर शक्कर जब्त की थी। उस समय दावा किया गया था कि इससे आसमान छूती कीमतों में कमी आ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उलटा प्रदेशभर के अलग-अलग भंडारगृहों में पड़ी यह शक्कर अब खराब हो रही है। इतना ही नहीं मानसून की आमद ने इस खतरे को और ज्यादा बढ़ा दिया है। प्रदेशभर के भंडारगृहों की हालत खराब है...
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