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60 फीसद फसल बर्बाद, हजारों आकाश के नीचे

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। तूफान और ओलावृष्टि से हुई बर्बादी का अंदाजा मुश्किल हो रहा है। पश्चिम बंगाल में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 47 तक पहुंच गया है। जबकि बिहार से किसी अतिरिक्त जनहानि की खबर नहीं है। फसल और संपत्ति के नुकसान का आकलन चल रहा है। बिहार के प्रभावित इलाकों में 60 फीसदी तक फसल नष्ट हो गई है। कमोबेश पश्चिम बंगाल और असम में भी खेती की यही स्थिति है। तूफान...

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धरती कहे पुकार के

ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...

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वित्तायुक्त करेंगे गेहूं बीज सब्सिडी मामले की जांच

चंडीगढ़ [जागरण ब्यूरो]। उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने वीरवार को पंजाब विधानसभा में आश्वासन दिया कि वह प्रदेश में किसानों को गेहूं पर सब्सिडी में करोड़ों के कथित घोटाले की जांच का वित्तायुक्त (विकास) से कराएंगे। इससे पहले कृषि मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह ने माना कि केंद्र से मिलने वाली गेहूं बीज सब्सिडी की राशि में से 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को नहीं दी। यह धनराशि पंजाब बीज निगम के...

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‘अब हर किसी को गेहूं और चावल चाहिए’- शरद पवार

  सुबह के आठ बजे हैं. लेकिन 69 वर्षीय भारत के कृषि मंत्री  शरद पवार अपने दिल्ली स्थित घर में बने ऑफिस में व्यस्त हो चुके हैं...अनाज और सब्जियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के मुद्दे पर आलोचनाओं से घिरे पवार ने अजित साही और राना अय्यूब से उनके कार्यकाल में कृषि नीतियों पर काफी लंबी बात की. साक्षात्कार के अंश यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन यूपीए जब सत्ता...

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ग्रामीण भारत में गरीबों की तादाद आधिकारिक आकलन से ज्यादा

यह बात अब आधिकारिक सूचना में आ चुकी है कि भारत में गरीबी पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है। इस माह की 9 तारीख को सौंपी गई सुरेश तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गरीबी 37 फीसदी(2004-05) है ना कि 28 फीसदी, जैसा कि पहले के आकलनों में माना जाता रहा है।यदि तेंदुलकर समिति के आकलन में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई मौजूदा बढ़ोतरी को जोड़ दें...

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