रांची: राज्य के तीन शहरों रांची, धनबाद व जमशेदपुर में गरीबों को आवास मुहैया कराने की योजना फेल हो गयी है. केंद्र सरकार की योजना बेसिक सर्विसेज टू द अरबन पुअर (बीएसयूपी) के लिए अब तक 144.39 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं, लेकिन पांच वर्षो में इन शहरों ने मात्र 18 करोड़ रुपये ही खर्च किये हैं. इसमें से 17.40 करोड़ रुपये रांची नगर निगम ने खर्च किये हैं....
More »SEARCH RESULT
फेरीवालों को सम्मान का हक है- सुधांशु रंजन
दैनिक जरूरतों की वस्तुएं घर के निकट उपलब्ध करानेवाले मेहनतकशों का हर दिन असुरक्षा और अपमान के बीच बीतता है. उनके दु:ख-दर्द को देखते हुए उनके हकों को कानूनी जामा पहनाने का एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है. भारत में 90 फीसदी से अधिक लोग असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं. उनकी कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होती. इनमें एक बड़ा वर्ग फेरीवालों का है, जो सड़कों के किनारे और गलियों में...
More »यूपीए का मिशन 2014:अब गरीबों को मुफ्त मोबाइल व टैबलेट!
नयी दिल्ली:केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (यूपीए) सरकार मिशन 2014 के तहत गरीबों को लुभाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती. एक अंगरेजी अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार सरकार अब गरीबों को लगभग मुफ्त मोबाइल फोन और टैबलेट देने की योजना बना रही है. बताया जा रहा है कि योजना के तहत गरीबों को 2.5 करोड़ मोबाइल व 90 लाख टैबलेट बांटे जायेंगे. योजना पर 7860 करोड़ रु पये...
More »हेराफेरी पर कस रही आरटीआइ की नकेल
सूचना का अधिकार कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई व अपने अधिकारों को पाने का माध्यम बन गया है. झारखंड के गांवों में बड़ी संख्या में लोग आरटीआइ का प्रयोग कर रहे हैं. आरटीआइ के जरिये भ्रष्टाचार का खुलासा करने या अपने अधिकारों को पाने वाले लोगों से प्रेरित होकर दूसरे लोग भी आरटीआइ का उपयोग कर रहे हैं. इस बार की आमुख कथा में पंचायतनामा ने आरटीआइ के ऐसे ही किस्सों...
More »खाद्य या यूपीए-सुरक्षा बिल!- प्रमोद जोशी
जिस विधेयक को लेकर राजनीति में ज्वालामुखी फूट रहे थे, वह खुशबू के झोंके सा निकल गया. पक्षियों-विपक्षियों में उसे गले लगाने की ऐसी होड़ लगी, जैसे अपना बच्चा हो. आलोचना भी की तो जुबान दबा कर. यों भी उसे पास होना था, पर जिस अंदाज में हुआ उससे कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा. जब संसद के मॉनसून सत्र के पहले सरकार अध्यादेश लायी तो वृंदा करात ने कहा था,...
More »