-जनपथ, आज 26 जुलाई 2021 को किसान आंदोलन भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर निरंतर विरोध प्रदर्शन के आठ महीने पूरे कर रहा है। आज जंतर-मंतर पर किसान संसद का संचालन पूरी तरह महिलाएं करेंगी। महिला किसान संसद भारतीय कृषि व्यवस्था में और चल रहे आंदोलन में, महिलाओं द्वारा निभायी जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाएगी। महिला किसान संसद के लिए विभिन्न जिलों से महिला किसानों का काफ़िला मोर्चे पर...
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कोविड-19 महामारी में पढ़ाई पर न पड़े असर, सरकारी स्कूल के अध्यापक ने अपनी कार को बनाया 'शिक्षा रथ'
-गांव कनेक्शन, कोविड-19 के चलते स्कूल तो बंद हो गए, लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर पड़ेगा? संजय चौहाण से अगर यही सवाल पूछें तो उनका जवाब होगा नहीं, तभी तो वो हर दिन अपनी सफेद मारुति सुजुकी एर्टिगा कार लेकर अपनी मंजिल पर बच्चों को पढ़ाने पहुंच जाते हैं। संजय चौहाण धनपुर तहसील के पिपोदरा गाँव में रहते हैं, और हर दिन 12-15 किलोमीटर ड्राइव करके रूवाबाड़ी गांव...
More »आवरण कथा/बैंकिंग व्यवस्था/भगोड़ों की मौज, भंवर में फंसे बैंक
-आउटलुक, “एनपीए बढ़ा, बैंकों को गहराते संकट से उबारने के उपाय ऊंट के मुंह में जीरे के सामान, गलतियों से सबक सीखने के प्रति लापरवाही, दिवालिया संहिता से सवालिया घेरे में बैंक, याराना पूंजीवाद और भगोड़ों पर कोई खास अंकुश नहीं” अजब जलवा है भगोड़ों का। 23 मई की रात अचानक खबर आई कि देश के बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले मोस्ट वांटेड भगोड़ों में से एक, मेहुल चोकसी...
More »क्या भारत के कोविड डेटा पर विश्वास किया जा सकता है? देखिए यह आंकड़े
-न्यूजलॉन्ड्री, इस लेख में, हम हर दिन हर घंटे पैदा हो रहे कोविड से जुड़े डेटा को समझने का प्रयास करेंगे. लेकिन विस्तार में जाने से पहले आइए समझने की कोशिश करें कि इस लेख का उद्देश्य क्या है? लक्ष्य कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर लगता है कि बीत गई है. पिछले कुछ हफ्तों से, कोविड के रोजाना नए मामलों और प्रतिदिन होने वाली मौतों में कमी आ रही है. लेकिन दूसरी लहर...
More »क्या देश कांच का बना है? राजद्रोह पर अगली सुनवाई में CJI रमन्ना को मोदी सरकार से पूछना चाहिए
-द प्रिंट, राजद्रोह का कानून, जो औपनिवेशिक काल का एक अवशेष है उसकी आज़ादी के 75 साल बाद आज क्या कोई जरूरत रह गई है? बृहस्पतिवार को यह सवाल भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने मोदी सरकार के एटर्नी जनरल से किया. यह सवाल सारगर्भित भी है और रस्मी भी. वैसे, यह मसले का केंद्र बिंदु भी नहीं है, और इसकी वजह है. राजद्रोह का कानून इसलिए भयानक नहीं है...
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