-सत्याग्रह, इस सदी का शुरुआती दशक खत्म होने को था कि गुजरात मॉडल नाम का एक शब्द चर्चा में आया. नरेंद्र मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे. गुजरात मॉडल की चर्चा इसलिए होने लगी थी कि वे अक्सर इसकी बात करने लगे थे. लेकिन अपने नाम के आगे प्रशंसा की तरह मॉडल शब्द लगाने वाला गुजरात भारत का पहला राज्य नहीं था. ऐसा पहला राज्य था केरल. केरल मॉडल की पहले-पहल चर्चा...
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घर लौटा प्रवासी मजदूर इज्ज़त के साथ अपने गांव में कैसे टिके और परिवार पाले? कुछ कारगर सुझाव
-जनपथ, हम घर जाना चाहते हैं ! प्रवासी मजदूर आज जहां कहीं भी हैं, ज्यादातर की मांग यही है। सवाल है कि उनके घर में स्थितियां कैसी हैं? अपने घर लौटकर आत्मसम्मान और गरिमा के साथ जीने के लिए उन्हें क्या करना होगा? झारखंड सरकार की घोषणा के अनुसार लॉकडाउन हटने पर कम से कम पांच लाख झारखंडी प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घर लौटेंगे। आश्वासन दिया गया है कि...
More »खिल उठा पर्यावरण हवा-पानी हुआ शुद्घ
-इंडिया टूडे, वातावरण ऐसे खिल उठा है, मानो लॉकडाउन उसके लिए वरदान बनकर आया. यकीनन, कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए 24 मार्च से लागू लॉकडाउन गरीब-गुरबों और प्रवासी मजदूरों के लिए आफत बनकर आया है लेकिन इसका एक नतीजा हर तरह के प्रदूषण में भारी कमी के रूप में दिख रहा है. वाकई, यह सुखद एहसास पैदा करता है. मानो प्रकृति अपने मूल स्वरूप में लौट गई है....
More »लॉकडाउन में फैलती मर्दवाद की महामारी से कैसे निपटें?
-जनपथ, कोरोना वायरस ने भारत सहित पूरी दुनिया को बदल दिया है लेकिन दुर्भाग्य से इससे हमारी सांप्रदायिक, नस्लीय, जातिवादी और महिला विरोधी सोच और व्यवहार पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. आज दुनिया भर के कई मुल्कों से खबरें आ रही हैं कि लॉकडाउन के बाद से महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामलों में जबरदस्त उछाल आया है. वैसे तो किसी भी व्यक्ति के लिये उसके “घर” को सबसे सुरक्षित...
More »मई माह के कृषि कार्य
-फसल क्रांति, मई का महीना अपेक्षाकृत काफी गर्म रहता है। अतः किसान भाई अपना, अपने परिवार, पशुओं और खेत में खड़ी फसलों को सूर्य की तेज गर्मी से बचाने का विशेष ध्यान रखें। मई के महीने में किये जाने वाले प्रमुख कार्यों में धान की नर्सरी तैयार करना, मृदा परीक्षण, कपास की बुवाई, अनाज भंडारण व ग्रीष्मकालीन फसलों की देखभाल सम्मिलित हैं। इसके अलावा फसल चक्र भी इसी समय निश्चित किये...
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