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'अब भी करोड़ों का कालाधन जाता है देश के बाहर'

नयी दिल्ली : एचएसबीसी में कालाधन रखने वालों का भांडाफोड करने वाले बैंक के पूर्व कर्मी हर्व फल्सियानी ने कहा कि भारतीय अधिकारियों के पास कालेधन पर काफी ऐसी सूचनाएं पड़ी हैं जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है. उन्‍होंने यह भी कहा कि वह कालेधन की जांच के मामले में भारतीय जांच एजेंसियों के साथ ‘सहयोग' को तैयार है, बशर्ते उन्‍हें संरक्षण दिया जाए. फल्सियानी ने यह भी दावा किया...

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कालाधन : भारत के साथ ‘सहयोग' को तैयार है HSBC का पूर्वकर्मी

नयी दिल्ली: एचएसबीसी में कालाधन रखने वालों की सूची जारी करने वाले व्हिसलब्लोअर हर्व फल्सियानी ने आज दावा किया कि भारत से लाखों करोडों का गैरकानूनी या कालाधन बाहर भेजा जा रहा है. हालांकि उन्होंने कहा कि वह कालेधन की जांच के मामले में भारतीय जांच एजेंसियों से ‘सहयोग' को तैयार है, बशर्ते उन्हें संरक्षण दिया जाए. फल्सियानी पर स्विट्जरलैंड में एचएसबीसी की जिनेवा शाखा के खाताधारकों की सूचनाएं लीक...

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फ़सल बंपर, लेकिन किसान क्यों दे रहे जान?-- जुबैर अहमद

18 वर्षीय लवप्रीत सिंह का जीवन सामान्य तरीके से गुज़र रहा था. लेकिन पिछले महीने उनकी ज़िन्दगी में तब उथल-पुथल आई जब उनके पिता, 42 वर्षीय किसान बलविंदर सिंह, ने आत्महत्या कर ली. अमृतसर के निकट एक छोटे से गांव में अब वह अपनी मां और दादी के साथ रहते हैं और अकेली संतान होने के नाते परिवार की सारी ज़िम्मेदारियां उनके युवा कधों पर आ गई हैं. धान के दाम तेज़ी...

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बिना टिकट ट्रेन में नहीं की यात्रा, 9 माह में पैदल चल तमिलनाडु से पहुंचे रांची

रांची। घर जाने की जिद्द, अपनों का प्यार और गांव की मिट्‌टी की जब उन्हें याद आई तो पहुंच गए रेलवे स्टेशन। पर पास पैसे नहीं होने से बिना टिकट ट्रेन में यात्रा नहीं की। बल्कि पैदल ही निकल पड़े अपने घर की ओर। वो भी तमिलनाडु से रांची के लिए। नौ महीने में 2000 किलोमीटर की दूरी लगातार पैदल चलकर नापी और एक दिन पहुंच गए अपने घर। हम...

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महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'

फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...

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