पटना राज्य में कृषि स्नातकों व वेटनेरी डाक्टर बेरोजगार नहीं रहेंगे। कृषि मंत्रालय ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) के कार्यक्रमों पर होने वाले व्यय का 90 प्रतिशत वित्तीय भार वहन करने की सहमति प्रदान की है। इसके तहत पंचायत स्तर पर दो कृषि वैज्ञानिक, प्रखण्ड स्तर पर तकनीकी प्रबंधक, राज्य स्तर पर एक परियेाजना निदेशक व दो उपनिदेशकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए केन्द्र से राशि मिलेगी। कृषि विभाग के अनुसार आत्मा की योजना...
More »SEARCH RESULT
किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
More »हमारा बीपीएल और उनका आईपीएल- देविंदर शर्मा
2009 में जब विश्व आर्थिक मंदी की आग में जल रहा था और इसकी तपिश भारत में भी महसूस की जा रही थी, तब भारत ने तीन किस्तों में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया था. हम सरकारी अनुदान हड़पने में किसानों और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को दोषी ठहराते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उद्योग और व्यवसाय जगत इनसे कई...
More »भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन
भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
More »पड़ सकते हैं रोटी के लाले
इलाहाबाद : इस बार अन्नदाताओं पर दोहरी मार पड़ रही है। गर्मी के चलते गेहूं की पैदावार मनमाफिक नहीं हुई, उस पर दाने भी पतले हैं। जिन्हें खरीदने के लिये सरकार तैयार नहीं। कृषि विभाग के अफसर भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जनपद में खोले गए 54 गेहूं क्रय केन्द्रों पर सन्नाटा क्यों पसरा है। अगर यही हाल रहा तो आम लोगों को आने वाले दिनों में रोटी के लाले पड़े सकते...
More »