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चुनावों में हस्तक्षेप का निर्णय कर के किसान नेताओं ने कहीं कोई खतरा तो नहीं मोल लिया है?

-जनपथ, अंततः किसान आंदोलन के नेताओं ने यह निर्णय ले ही लिया कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में संबंधित प्रदेशों का दौरा कर वे मतदाताओं से भाजपा को उसके किसान विरोधी रवैये के मद्देनजर सत्ता से दूर रखने की अपील करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस संबंध में पत्र के रूप में मतदाताओं हेतु एक अपील भी जारी की है। इस अपील में कहा गया है: हम केंद्र एवं भाजपा...

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लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक

-न्यूजक्लिक, जब कभी भी लोकतंत्र का अपने घर में घेराव होता है, लोकतंत्र के हिमायती, उससे प्रेम करने वाले लोग नैतिक समर्थन पाने के लिए अपनी परिधि के पार देखने लगते हैं। अभी-अभी विश्व सूचकांक में स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट जारी हुई है, और इसलिए कोई हैरत नहीं कि इसने भारत में लोकतंत्र को चाहने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह विश्व सूचकांक अमेरिका की 80...

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दिल्ली दंगा: खुद को गोली लगने की शिकायत करने वाले साजिद कैसे अपने ही मामले में बन गए आरोपी

-न्यूजलॉन्ड्री,  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कर्दमपुरी इलाके में एक किराए के कमरे में 34 वर्षीय साजिद खान अपनी बीमार पत्नी और तीन साल की अपाहिज बेटी के साथ रहते हैं. संकरी सीढ़ियों से गुजरते हुए हम उनके कमरे में पहुंचे तो उनकी पत्नी एक कोने में बैठकर सिलाई का काम कर रही थीं. दंगे के दौरान गोली लगने के बाद साजिद को डॉक्टर ने मेहनत का काम करने से मना कर दिया...

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राजद्रोह: जुबान बंद रखो, वरना...

-आउटलुक, “राजद्रोह कानून का दुरुपयोग चिंताजनक हद तक बढ़ा” तानाशाही और लोकलुभावनवाद का जोर जिस दौर में स्थापित लोकतंत्रों में भी बढ़ रहा है, राजद्रोह का कानून सरकार का पसंदीदा औजार बन गया है। भारत में पहले भी कई सरकारें राजनैतिक वजहों से राजद्रोह कानून का इस्तेमाल करती रही हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से असहमति को गैर-कानूनी साबित करने के लिए इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग भारी चिंताजनक है। इसे लोकतंत्र...

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"किसान आंदोलन की एक बड़ी सफलता यह है कि महिलाएं चार दीवारी से बाहर निकलकर मुख्यधारा में आ गयी हैं"

-गांव कनेक्शन, परमजीत कौर (60 वर्ष ) को चक सड़ोके गाँव, फाज़िलका से टिकरी बॉर्डर आये हुए दस दिन हो गए हैं। किसान आंदोलन में शामिल होने के पहले परमजीत 12 साल पहले केवल एक दिन के लिए पंजाब से दिल्ली आई थीं। जिसके बाद अब वे ख़ास महिला दिवस मनाने पहुंची थीं। "बारह साल पहले एक दिन के लिए दिल्ली स्थित बंगला साहिब मत्था टेकने आये थे। आज इतने सालों...

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