पिछले साल की आखिरी शाम को दिया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश उन ऊंचाइयों तक पहुंचने में नाकाम रहा, जिसका प्रचार किया गया था। लोग बीते 50 दिनों से कठिनाइयों का डटकर सामना कर रहे थे। इन दिनों वे कतारों में लगे रहे और अपनी खरीदारी भी कम की। मुश्किलों से राहत मिलने की उम्मीद वे मोदी के भाषण से लगा रहे थे। उन्हें यह भी...
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दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर लाई गईं 200 लड़कियां लापता-- हेमंत कुमार पांडेय
दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसियों के नाम लाई गईं 200 लड़कियां लापता हैं। यहां बिना लाइसेंस की 12 एजेंसियां प्लेसमेंट के बहाने 16 साल से मानव तस्करी के धंधे में लगी हैं। ये लड़कियां बिहार, झारखंड, ओडिशा जैसे राज्यों से बहला-फुसलाकर लाई गईं थीं। इनका नेटवर्क असम, प. बंगाल में भी फैला हुआ है। पिछले माह इसका खुलासा होने के बाद से पुलिस जांच में जुटी है। दलालों के जरिए इन लड़कियों...
More »साइबर खतरे की सबसे बड़ी दस्तक-- हरजिंदर
विजय माल्या से लेकर राहुल गांधी, बरखा दत्त और रवीश कुमार के ट्विटर व अन्य खातों का हैक हो जाना फिलहाल भले ही चर्चा में हो, लेकिन यह एक ऐसा मसला है, जिसे जल्द ही हम भुला देंगे। हालांकि इस मामले में भी बहुत कुछ है, जो समझ में आने वाला नहीं है। यह सवाल तो खैर अपनी जगह है ही कि एक खास राजनीतिक रुझान के लोगों को लीजियान...
More »स्थानीयता है कुंजी-- नीलम गुप्ता
जलवायु परिवर्तन, भूख, कुपोषण, बढ़ती गरीबी, घटते संसाधन, ये सभी ऐसी समस्याएं हैं जिनसे आज सारी दुनिया जूझ रही है। अरबों रुपए इन समस्याओं के हल के लिए अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों पर खर्च किए जा चुके हैं। आगे भी किए जाएंगे। पर हल तब भी शायद ही निकले। तो क्या किया जाए? गांधी-विचारों में रची-बसी, स्वाश्रयी महिला सेवा संघ (सेवा), अमदाबाद की संस्थापक और गुजरात विद्यापीठ की चांसलर इला भट्ट के...
More »एक साथ चुनावों की बढ़ती कवायद -- अनुपम त्रिवेदी
आर्थिक सुधारों के साथ मोदी सरकार चुनाव सुधार की दिशा में भी बड़ी तेजी से काम कर रही है. भविष्य में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने को लेकर अनेक गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं और लगातार सरकार इसके संकेत भी दे रही है. संसद के वर्तमान सत्र से पूर्व हुई सर्वदलीय बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी ने एक साथ चुनावों की वकालत करते हुए कहा...
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