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किसानों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में सुधार

बरनाला। पंजाब मंडी बोर्ड के अध्यक्ष अजमेर सिंह लखोवाल ने चिंता व्यक्त की है कि पिछले पांच दशकों में देश के सभी क्षेत्रों में कारोबार की स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है लेकिन मुट्ठीभर बड़े किसानों को छोड़कर शेष की हालत जस की तस है। उन्होंने आज यहां पत्रकारों से कहा कि कृषि जनित दुर्घटना में मारे गये व्यक्ति के आश्रितों को आर्थिक सहायता राशि 75 हजार रूपये से बढाकर दो...

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भुखमरी का अर्थशास्त्र- देविन्दर शर्मा

कुछ चौंकाने वाली छवियां मेरे मन में अब भी अंकित हैं। कोई 25 साल पहले मैं एक प्रमुख दैनिक में छपी खबर पढ़ रहा था, जिसमें लिखा था कि भारत में हर दिन करीब पांच हजार बच्चे मर जाते हैं। पिछले सप्ताह एक अखबार में छपी खबर ने फिर मेरा ध्यान खींचा। इसमें लिखा था कि भारत में 18.3 लाख बच्चे अपना पांचवां जन्मदिवस मनाने से पहले ही मर जाते हैं।...

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कपास किसानों को तगड़ा मुनाफा

पंजाब के कपास किसानों के लिए यह वर्ष भी तगड़ा मुनाफे वाला साबित हो रहा है क्योंकि कपास के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,800 रुपये प्रति क्विंटल से लगातार ऊपर बने हुए हैं। वजह यह है कि विभिन्न मंडियों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कपास की आवक कम हो रही है। इस वर्ष 11 अक्टूबर तक राज्य की मंडियों में कपास की आवक तकरीबन 28 फीसदी कम...

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हर 6 सेकेंड में भूख से एक बच्चे की मौत

भारत ने तरक्की की राह पर लंबा सफर तय तो कर लिया लेकिन लोगों की भूख मिटाने में उसे अब तक कामयाबी नहीं मिली. हर दिन दो वक्त की रोटी से महरूम लोगों की तादाद में कोई खास कमी नहीं आई है. अमेरिकी नीति निर्धारण संस्था का दावा.   दुनिया भर में 92.5 करोड़ लोग भूख और कुपोषण के शिकार है. हर छह सेकेंड में कहीं न कहीं कोई बच्चा भूख के...

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कोल्हू में पिसीं यूपी की चीनी मिल! -- सिद्घार्थ कलहंस

गन्ने की पेराई उत्तर प्रदेश में अभी शुरू भी नहीं हो सकी है और चीनी मिल मालिक मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। देसी-विदेशी बाजारों में चीनी की कीमतें घट रही हैं, लेकिन गन्ना किसान उन पर इस साल भी ज्यादा कीमत देने का दबाव बना रहे हैं। रही-सही कसर कोल्हू मालिकों ने पूरी कर दी है, जो किसानों को मुंह मांगे भाव दे रहे हैं। दरअसल राज्य के किसान पिछले...

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