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एनडीए के तीन साल- सबसे बड़ी चुनौती रोजगार बढ़ाने की..

अगले महीने शासन के तीन साल पूरा करने जा रही एनडीए सरकार के लिए रोजगार सृजन के मोर्चे से बुरी खबर है ! देश के तकरीबन लगभग 50 फीसद राज्यों में बीते सालों में रोजगार के अवसरों में कमी आई है.   बीते छह फरवरी को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 2013-14 की तुलना में 2015-16 में बेरोजगारी दर में...

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किसानों की बदहाली दूर करने के लिए...- शुभ्रता मिश्रा

हिन्दुओं की एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार पृथ्वी पर लगातार सौ वर्षों तक वर्षा नहीं हुई थी। अन्न-जल के अभाव में भूख से व्याकुल होकर समस्त प्राणी मरने लगे थे और इस कारण चारों ओर हाहाकार मच गया था। उस समय समस्त मुनियों ने मिलकर देवी भगवती की उपासना की एवम् दुर्गा जी ने शाकम्भरी नाम से स्त्री रूप में अवतार लिया और उनकी कृपा से वर्षा हुई।...

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खानपान थोपने की बेजा कोशिशें - मृणाल पांडे

पिछले कुछ समय से भारतीय खानपान के लोकतंत्र में मांसाहार के खिलाफ शाकाहार के स्वयंभू रक्षकों ने एक अजीब सा धावा बोल रखा है। भारतीय परंपरा की शुचिता बनाए रखने की अपील करते हुए वे देश के सभी लोगों को जबरन मांसाहार से शाकाहार की तरफ हांक रहे हैं। संभव है कि उनको किसी हद तक शाकाहारी धड़े के मन की बनावट की कुछ जानकारी हो, किंतु वे इस महत्वपूर्ण...

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गोरक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राजस्थान समेत 6 राज्यों को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। अलवर में गोरक्षा के नाम पर एक शख्स की हत्या के बाद यह मामला गर्मा गया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी गोरक्षकों को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए गुजरात, राजस्थान समेत 6 राज्यों से जवाब मांगा है। अदालत ने यह आदेश गोरक्षा से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने अलवर की घटना पर संज्ञान लेते हुए राजस्थान सरकार से तीन हफ्तों के भीतर जवाब...

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किसान मदद के मोहताज क्यों हैं -- रमेश कुमार दुबे

तमिलनाडु के कावेरी बेसिन के सूखा-पीड़ित किसान पिछले तीन हफ्तों से इंसानी खोपड़ियों के साथ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि दिल्ली के हुक्मरानों को अपनी आवाज सुना सकें। इनका दावा है कि ये खोपड़ियां उन किसानों की हैं जिन्होंने कर्ज के दुश्चक्र में फंस कर आत्महत्या कर ली या भूख ने जिनकी जान ले ली। एक नई प्रवृत्ति यह है कि यहां के लोग आत्महत्या करने वाले किसानों...

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