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क्या मनरेगा बजट डूबती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए काफी है?

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी, 2020 को प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2020-21, सामाजिक कार्यकर्ताओं और किसान समूहों (यहां और यहां क्लिक करें) को प्रभावित करने में विफल रहा हैं. अपनी प्रेस नोटों के माध्यम से, इन सगंठनों के सदस्य विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) और प्रधानमंत्री किसान विकास योजना (PM-KISAN)और ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में बढ़ोतरी करने के लिए केंद्र सरकार से लगातार मांग कर...

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बजट से किसान नाराज, नहीं दिखता संकट से निकलने का कोई रास्ता

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना दूसरा बजट 2020-21 पेश करते समय यह ऐलान किया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है लेकिन किसानों का कहना है कि इस बजट में हमारे संकट का कोई समाधान नहीं है। वित्त मंत्री ने आम बजट में किसानों की भलाई के लिए वादे तो बहुत किए हैं, लेकिन इसके मुकाबले आवंटन किया केवल 2.83 लाख करोड़...

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लक्ष्य से काफी पीछे रह गए हम

-हिन्दुस्तान   पिछले साल दो बजट पेश हुए थे। एक अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया गया था, उसके बाद देश में लोकसभा चुनाव हुए और जुलाई में एक बार फिर मोदी सरकार ने अपना बजट पेश किया। दोनों बजट के बीच छह महीने का अंतर था, पर इन छह महीनों में ही आंकड़ों में बदलाव दिख गया। सरकार की आय और खर्च के बीच एक लाख, 80 हजार करोड़ रुपये का...

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पूरे परिवार को तोड़ देती है आत्महत्या, महिला किसानों को गुजारनी पड़ती है विपदा की जिदंगी

-डाउन टू अर्थ   खेती-किसानी करने वालों की जिंदगी एक ऐसे डगर पर चल रही होती है कि जब वे फिसलते हैं तो कोई न कोई फंदा उनका गला कसने को तैयार रहता है। खेतों में काम करते हुए महिला किसानों को भी बड़ी पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 1995 से 2018 के बीच कुल 23 वर्षों में खेती-किसानी से संबधित 353,802 लोगों ने...

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बजट 2020: "फसल बर्बाद हो तो किसान को मिले शत प्रतिशत मुआवजा, बजट में हो इंतजाम"

-गांव कनेक्शन किसान जब फसल खड़ी करता है तो बुवाई से कटाई तक असिंचित क्षेत्रों में 15000-20 हजार और सिंचित क्षेत्रों में 40 हजार रुपए तक प्रति एकड़ लगा चुका होता है। वो पैसा मिट्टी में गया होता है। फसल क्या आएगी कुछ पता नहीं होता है। बारिश, ओले गिरे तो सब बर्बाद, इसलिए फसल बर्बाद होने पर किसान को शत प्रतिशत मुआवजा मिलना चाहिए।"   कृषि अर्थशास्त्री विजय जावंधिया कहते हैं। पुणे...

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