जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
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बिहार पर मंडरा रहे हैं सूखे के बादल!
पटना| बिहार के कुछ जिलों में एक बार फिर सुखे का अंदेशा बना हुआ है। बारिश के लिए विख्यात आषाढ़ का महीना बीत गया और सावन आने वाला है, लेकिन राज्य के कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो अब तक आसमान पर काले मेघ देखने को नहीं मिले हैं। मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में अब तक सामान्य से 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि 31...
More »खतरा: बारिश में और देरी हुई तो पूरे साल रोना पड़ेगा
बारिश का इंतजार और मानसून की दगाबाजी हर साल की तरह इस बार भी जारी है। जुलाई में भी बारिश का इंतजार ही हो रहा है। इस बार पूरे भारत में सालाना औसत (163.5 मिली मीटर) से 29 प्रतिशत कम बारिश हुई है। जून के अंत में देश में सिर्फ एक मेट्रोलॉजिकल सब-डिवीजन में ही बरसात औसत से ज्यादा हुई है जबकि जून 2011 में 16 डिवीजन में बरसात ने यह...
More »बारिश का बढ़ा इंतजार, 15 दिन से ज्यादा लेट हो सकता है मानसून- डूंगर सिंह की रिपोर्ट
जयपुर.प्रदेश में इस बार मानसून के तय समय से एक माह से भी ज्यादा देरी से आने के आसार बन रहे हैं। 1 जून को केरल पहुंचा मानसून पश्चिमी उप्र में प्रवेश करते ही कमजोर पड़ गया। अब एक सप्ताह तक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में से कहीं भी नए मौसमी तंत्र के विकसित होने के संकेत नहीं मिल रहे। उसके बाद तंत्र बनेगा तो भी...
More »मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।
नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...
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