मित्रो, सूचना का अधिकार पर हम लगातार बात करते रहे हैं. इस अधिकार के लागू हुए आठ साल पूरे हो गये. हमारे कई पाठकों और आरटीआइ एक्टिविस्टों ने इसे जनतंत्र के खास अवसर के रूप में याद किया. इन आठ सालों में आम से लेकर खास और गैर सरकारी से लेकर सरकारी लोगों ने इस कानून का अपने-अपने हित और हिसाब से खूब किया. इसका अनुभव भी विस्तृत रहा. इस अनुभव को...
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नये भूमिअधिग्रहण कानून, जनआंदोलन और उनकी राजनीति का असर पर दो दिवसीय बैठक
निमंत्रण नये भूमिअधिग्रहण कानून, जनआंदोलन और उनकी राजनीति का असर पर दो दिवसीय बैठक नवंबर 19-20-2013 9ः30 प्रातः से सांय 6ः00 बजे तक, गांधी शांति प्रतिष्ठान, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली प्रिय साथियों, जिंदाबाद जनआंदोलनांे के बरसों चले लम्बे संघर्ष के बाद देश में औपनिवेशिक भूमि अधिग्रहण कानून, 1894 के स्थान पर ‘‘उचित मुआवजे का अधिकार, भूमिअधिग्रहण में पारदर्शिता, पुनर्वास और पुर्नस्थापना कानून, 2013‘‘ आया है। आम चुनाव व विधानसभा चुनाव कई राज्यों में होने वाले...
More »मछुआरों की सुरक्षा पर केंद्र और तमिलनाडु सरकार को उच्चतम न्यायालय का नोटिस
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों के पकड़े जाने पर चिंता जाहिर करते हुए आज केंद्र एवं राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार से यह जानना चाहा है कि कूटनीतिक एवं राजनीतिक माध्यमों के जरिए इस मुद्दे का समाधान कैसे किया जाएगा। देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस बात पर खुशी जताई...
More »डेंगू से निपटने की चुनौती- मुकुल श्रीवास्तव
तमाम सरकारी दावों के बावजूद हर साल डेंगू से प्रभावित होने वाले लोगों का आंकड़ा पिछले साल की अपेक्षा बढ़ता जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि आधिकारिक आंकड़े वास्तविक आंकड़ों की तुलना में काफी कम होते हैं, क्योंकि इनमें सिर्फ वही मामले गिने जाते हैं, जिसमें मरीज इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में जाते हैं, और जिनकी पुष्टि सरकारी प्रयोगशालाओं द्वारा होती है। डेंगू मच्छरों द्वारा...
More »वे चार और मेधा बहन- सुदीप ठाकुर
7 अक्टूबर, 2013। अहमदाबाद के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट भवन का आठवां माला। कक्ष नंबर, 21, मुझे यहीं बुलाया था उन्होंने। अहमदाबाद के तमाम सरकारी दफ्तरों की तरह इस कोर्ट के तमाम कक्षों के बाहर गुजराती में लिखी तख्तियां लटकी हुई हैं। गुजराती लिपि कुछ-कुछ हिंदी से मिलती-जुलती है। मैं पढ़ने की कोशिश करता हूं। गुजराती कुछ-कुछ घुमावदार है, मगर तमिल, तेलुगू या मलयालम की तरह नहीं। कुछ अक्षर तो हिंदी...
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