वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी, 2020 को प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2020-21, सामाजिक कार्यकर्ताओं और किसान समूहों (यहां और यहां क्लिक करें) को प्रभावित करने में विफल रहा हैं. अपनी प्रेस नोटों के माध्यम से, इन सगंठनों के सदस्य विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) और प्रधानमंत्री किसान विकास योजना (PM-KISAN)और ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में बढ़ोतरी करने के लिए केंद्र सरकार से लगातार मांग कर...
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Budget 2020: बजट में नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों
-बीबीसी हिंदी मांग का क्या होगा, ग्रोथ का क्या होगा, रोज़गार का क्या होगा? बजट के पहले सबके मन में यही सवाल थे और उम्मीद थी कि साफ़ जवाब मिलेंगे. ज़्यादा आशावादी लोग कुछ ऐसी धमाकेदार घोषणा सुनने की तैयारी में थे जिनसे अर्थव्यवस्था की तस्वीर ही बदल जाएगी. उन सवालों का तो कोई साफ़ जवाब दो घंटे 41 मिनट के भाषण में मिला नहीं. दीनानाथ कौल की कश्मीरी कविता और तमिल में...
More »बजट 2020: बजट से क्या चाहती हैं ग्रामीण महिलाएं ?
- गांव कनेक्शन लखनऊ। "हमें न तो आवास मिला न विधवा पेंशन। महंगाई भी छप्पर फाड़कर बढ़ गयी। अब तो आलू-प्याज खाना भी मुश्किल है। बजट से गरीबों को क्या लेना-देना?" यह बात जंगल से लकड़ी लेने गयी फूलमती रावत (55 वर्ष) ने नाउम्मीदी से कही। "बजट निकलने से पहले हमारी भी समस्या पूछी जाएगी, ये आज पहली बार आपसे पता चला। हमने तो नाम भी इसका पहली बार सुना है।...
More »संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा
“अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी” घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! -शलभ श्री राम सिंह हम भारत के लोग ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया था। आज लगभग 70 साल के बाद देश का शासक...
More »नरेगा संघर्ष मोर्चा 2020-21 में नरेगा के लिए पर्याप्त बजट की मांग करता है
जैसे कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुर्बल हो रही है, सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के कामकाज में सुधार के लिए हाल ही में नोबेल पुरुस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी सहित कई प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गई सलाह को नज़रअंदाज़ कर रही है। अर्थव्यवस्था को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। भारत में वर्तमान समय में पिछले 45 वर्षों में सर्वाधिक बेरोजगारी की दर हैऔर खाद्य मुद्रास्फीति नवंबर 2019 में दो अंको पर पहुंच गई है , जो पिछले 71 महीनो में सर्वाधिक है । सरकार के स्वयं...
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