पटना निवासी बाबुल प्रसाद ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए सतत कार्य करते रहे हैं. बाबुल ने आइआइबीएम पटना से मार्केटिंग में एमबीए की शिक्षा ग्रहण की. इन्होंने ‘यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन’ ‘सिएटल’ से एक साल का फैलोशिप भी किया हुआ है. बाबुल प्रसाद ‘पॉपुलेशन एसोसिएशन ऑफ अमेरिका’ के स्थायी सदस्य और पटना विश्वविद्यालय के ‘रूरल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ के गेस्ट फैकल्टी भी हैं. वर्तमान में इनका संगठन बिहार- झारखंड के कई जिलों...
More »SEARCH RESULT
अस्वीकृति में उठे हाथ- कुमार प्रशांत
सारे देश में चुनाव की तेज हलचल है और कई जगहों पर, कई व्यक्तियों की किस्मत उन मशीनों में बंद हो गई है,मशीनों में बंद हो गई है,जिन पर राजनीतिक दलों का भरोसा कम होता जा रहा है। वोट डाल कर मतदाताओं ने मुंह मोड़ लिया है। वे जानते हैं कि अब जब तक अगला चुनाव नहीं आता, इस लोकतंत्र से, इससे बनने वाली लोकसभा और उस लोकसभा में बैठने...
More »मां ने लिया समूह से ऋण, बेटी को बनाया स्वावलंबी- शिकोह अलबदर
रांची जिले के नामकुम प्रखंड से रिंग रोड पर जायें. यहां से कुछ दूरी पर एक रास्ता नचलदाग गांव की ओर मुड़ जाता है. शहर से करीब चालीस किलोमीटर दूर एक सुदूरवर्ती गांव है : नचलदाग. गांव में कुछ अद्भुत बदलाव हुए हैं. गांव की सामाजिक, आर्थिक स्थिति बदल रही है. ना सिर्फ आर्थिक और सामाजिक बदलाव यहां हुए हैं, बल्कि ग्रामीणों की जीवनशैली में आ रहे बदलाव भी प्रशंसनीय है....
More »सरोकार, संस्कृति व पर्यावरण की पहरेदार हैं खूंटी की अमिता- राहुल सिंह टूटी
खूंटी के सेफागड़ा गांव की रहने वाली अमिता टूटी से आप 5-10 मिनट किसी भी विषय पर बात कर लें, तो उनकी गहरी संवेदनशीलता का आपको अहसास हो जायेगा. अपने आसपास व आदिवासी समुदाय के लोगों की परेशानियों और उजड़ते जंगल व पर्यावरण के संकट ने उन्हें जंगल बचाने वाली आंदोलनकारी बना दिया. पिछले आठ-नौ सालों से वे जंगल बचाओ आंदोलन से जुड़ कर वन रक्षा व उसके विस्तार के लिए...
More »राजनीतिक दलों के एजेंडे में हाशिये पर गांव- शिकोह अलबदर
हाथ छाप को दिया, फूल (कमल) को दिया, जहां बोला वहां दे दिया, अब तक पांच बार वोट दिया है, कुछछो नहीं मिला. यह कहते हुए पचहत्तर की उम्र पार कर चुकी पार्वती देवी धान उसनने के काम में फिर से लग जाती हैं. पार्वती देवी रांची के ओरमांझी प्रखंड के उलातु गांव की रहने वाली हैं. चुनाव होते हैं. सांसद और विधायक चुने जाते हैं. लेकिन इस गांव की...
More »