जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
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खुदकुशी को अपराध के दायरे से बाहर करने पर विचार
नई दिल्ली [जासं]। किसी परेशानी के चलते आत्महत्या का प्रयास करने वालों को जल्द ही कानूनी प्रक्रिया से राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार आत्महत्या के प्रयास को अपराध की श्रेणी में लाने वाली भारतीय दंड संहिता [आइपीसी] की धारा 309 को हटाने पर विचार कर रही है। इस धारा के तहत किसी व्यक्ति को एक साल की साधारण कैद, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा व...
More »सावधान! नहीं तो मारे जाओगे
नई दिल्ली। रोजमर्रा की जिंदगी में बढ़ते उतार-चढ़ाव, व्यस्तता, घरेलू झगड़े, अवैध संबंधों के दौरान गर्भधारण, करियर की उधेड़बुन, किस्तों का बोझ, रिश्तों में दरार.. ऐसे कुछ स्पष्ट कारण भारतीय जनजीवन में उभर कर सामने आए हैं, जो मानसिक तनाव को इस कदर बढ़ा रहे हैं कि लोग बेमौत मारे जा रहे हैं। जी हां, यह कहना है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की एक अहम रिपोर्ट का। तमाम तरह के तनावों...
More »जांबाज फौजी का उपचार खर्च- सेना की ना
आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए घायल होने वाले एक कमांडो की सहायता के लिए ऑनलाईन अर्जी की शुरुआत की गई है।26/11 के मुंबई आंतकी हमले में घायल होने के कारण इस कमांडो को लकवा मार गया है और उसे मदद की गुहार लगानी पड़ रही है। होटल ओबेरॉय में चले अभियान के दौरान एक ग्रेनेड धमाके में एनएसजी कमांडो पी वी महेश घायल हुए और उन्हें लकवा मार गया। इस वीरता के लिए शौर्यचक्र हासिल...
More »हजारों भागीरथ बनाए कलेक्टर उमराव ने- पवन देवलिया की रिपोर्ट
भोपाल (एमपी मिरर)। एक भागीरथ को भारतीय इतिहास में इसलिए जाना जाता है कि वे गंगा को इस धरती पर लाए थे। इस पुण्य कार्य को सफल बनाने के लिए भागीरथ ने अपना सारा जीवन खपा दिया था। इस पुण्य कार्य को करने के बाद उनके साथ दो चीजें हमेशा के लिए जुड़ गईं। एक तो गंगा को धरती पर लाने के बाद उनका नाम गंगाजी के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। इसके...
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