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पानी के लिए 2354 करोड़ का प्रोजेक्ट, सीएम ने किया वादा

पटियाला। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने स्वतंत्रता दिवस पर लोगों से स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि सूबे के सभी दरियाओं के पानी को साफ करने के लिए 2354 करोड़ का विशेष प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इससे इंडस्ट्री और शहरों का सीवरेज सतलुज, ब्यास, घग्गर नहीं बहेगा। बादल ने बताया कि 44 शहरों, कस्बों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके बाद बादल ने राज्यों के...

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बेटे की चाह में पूजा-पाठ, गर्भ में बेटी का पता चला तो...

बिजनौर.जिले के बालापुर गांव में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी।   पुलिस ने बताया कि पहले से ही तीन बेटियों के पिता अवनीत को पता चला कि चौथी बार भी उसकी पत्नी के गर्भ में बेटी ही है, तो इस बात से नाराज अवनीत ने गर्भवती पत्नी सोना...

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पहाड़ से चिट्ठी- पंकज पुष्कर

जनसत्ता 11 अगस्त, 2012: कुदरत हमें थिरता और नर्तन दोनों सिखाती है। हर्ष और विषाद के बार-बार आने वाले ऐसे ही अवसरों के बीच पहाड़ों का स्वभाव बना है। उत्तरकाशी के उफनते बादल पहाड़ और कुदरत के रिश्तों की जटिलता की ओर ध्यान दिलाते हैं। भला ऐसा कैसे है कि आपदाओं के बीच भी पर्वतीय जीवन प्रकृति-प्रेम का सहजीवन है। बारिश को ही लें। यह मन में हिलोर पैदा करती है। लेकिन...

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बहू बनायेगी गांव को स्वच्छ

विकास योजनाओं को धरातल पर लाने में गांवों में नियुक्त जल सहिया का महत्वपूर्ण योगदान होता है. झारखंड में प्रत्येक राजस्व गांव में ग्राम स्तर पर पेयजल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है और प्रत्येक राजस्व गांव में एक जल सहिया की नियुक्ति की गयी है. स्थानीय स्तर पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने व गांव को स्वच्छ बनाने की जिम्मेवारी जल सहिया की होती है. इसके अलावा अन्य...

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पर्यावरण भी हो विकास का मानक- अनिल पी जोशी

हमने विकास का सबसे बड़ा मापदंड सकल घरेलू उत्पाद की दर को माना है। किसी भी देश की प्रगति उसकी जीडीपी के आधार पर तय की जाती है। इसमें उद्योग, सुविधाएं, रियल इस्टेट बिजनेस, सेवाएं आदि मुख्य रूप से आते हैं। सही मायने में खेती को ही जीडीपी या उत्पादन की श्रेणी में आना चाहिए, क्योंकि अन्य उत्पाद हमारी सुविधाओं से जुड़े हैं, न कि आवश्यकताओं से। विकास की मौजूदा अवधारणा...

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