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कैसी होगी कोविड-19 के बाद दुनिया-3: पूंजीवाद रहेगा या समाजवाद

-डाउन टू अर्थ, माना जा रहा है कि कोरोनावायरस बीमारी (कोविड-19) के बाद दुनिया में बड़ा बदलाव आएगा। इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ सुरे के सेंटर फॉर द अंडरस्टैंडिंग ऑफ सस्टेनेबल प्रोस्पेरिटी के ईकोलॉजिकल इकोनोमिक्स में रिसर्च फेलो सिमोन मेयर ने इस विषय पर एक लंबा लेख लिखा, जो द कन्वरसेशन से विशेष अनुबंध के तहत डाउन टू अर्थ में प्रकाशित किया जा रहा है। इसकी पहली कड़ी में आपने पढ़ा, कैसी...

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जलवायु परिवर्तन और बेमौसम बरसात के कारण भारत के कई राज्यों में टिड्डियों के हमलों में बढ़ोतरी

कोविड-19 लॉकडाउन के बीच, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मई 2020 की दूसरी छमाही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंड देखे गए हैं. हाल ही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंडों द्वारा किए गए हमलों ने इन राज्यों में बड़े पैमाने पर फसलों, मवेशियों के चरागाहों और हरी वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाया है. एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, 25 मई, 2020 तक राजस्थान के...

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किसानों को पैकेज और अध्यादेशों से कोई फायदा नहीं

-आउटलुक, आजादी के बाद पिछले 70 साल से किसान घाटे का सौदा कर रहे हैं। एक तरफ उसकी जोत कम हो रही है, दूसरी तरफ उत्पादन की लागत बढ़ रही है। लेकिन उन्हें उपज बेचने पर लागत भी नसीब नहीं होती है। हर सरकार किसानों की पीड़ा का जिक्र चुनाव प्रचार में तो करती है, लेकिन जीतने के बाद पांच साल के लिए किसानों को भूल जाती हैं। जहां कोरोना से...

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प्रशासन की बेरुखी से उजड़ रहे उत्तरकाशी के ये गांव, नहीं हुआ विकास

-द क्विंट, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से महज 3-4 किमी की दूरी पर बसे जसपुर, सिल्याण, निराकोट गांव की आबादी लगभग एक हजार के आस-पास है, लेकिन इन गांव के ज्यादातर लोग अब जिले के नगरपालिका क्षेत्र तिलोथ गांव या मुख्य बाजार में किराए के कमरों मे रहने को मजबूर है. गांव में पर्याप्त पानी, बिजली, खेती और मिश्रित जंगल मौजूद हैं लेकिन ऊंची पहाड़ी पर बसे इन गांव में दशकों...

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तमिलनाडु में लॉकडाउन के दौरान जातीय अत्याचारों में पांच गुना वृद्धि : दलित संगठन

-कारवां, 29 मार्च को तिरुवनमन्नई जिले के मोर्रप्पाथंगल गांव में भीड़ ने कुल्लथुर समुदाय के 24 वर्षीय सुधाकर मुरुगेसन की हत्या कर दी. यह समुदाय तमिलनाडु में अनुसूचित जाति के रूप में वर्गीकृत है. सितंबर 2019 में सुधाकर ने हिंदू जाति की गौंडर समुदाय की एक महिला शर्मिला से शादी की थी. यह समुदाय तमिलनाडु में पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत है. सुधाकर के पिता मुरुगेसन ने बताया, ''सुधाकर और...

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